Dhanbad: बीसीसीएल को 32 बिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है. कोयला उत्पादन बढ़ाने का कार्य जारी है. अब ब्लास्ट की जगह ‘रीपर माइनिंग’ जैसी नई टेक्नोलॉजी का भी प्रयोग किया जा रहा है. इससे सेफ्टी के साथ कोयला निकालना पहले की तुलना में आसान है. बीसीसीएल के सीएमडी समीरण दत्ता ने एक अप्रैल को मीडिया से बातचीत में यह जानकारी दी.
किस एरिया को कितना टारगेट
उन्होंने कहा कि नए टारगेट को सब के सहयोग से प्राप्त कर लिया जाएगा. सबसे अधिक प्रोडक्शन का टारगेट बस्ताकोला तथा सबसे कम पीबी एरिया को दिया गया है. जबकि बरोरा को 3.10 लाख टन, ब्लॉक टू को 2. 4 लाख टन, गोविंदपुर को 70 हजार टन, कतरास को 3. 75 लाख टन, सिजुआ को 2.90 लाख टन, कुसुंडा को 4 लाख टन, पीबी एरिया को 300 लाख टन, बस्ताकोला को 4.63 लाख टन, इजे एरिया को 80 हजार टन, सीवी एरिया को 75 हजार टन, डब्लयूयूजे को 75 हजार टन उत्पादन का टारगेट दिया है. अप्रैल माह में 27 लाख टन उत्पादन तथा 30 लाख टन डिस्पैच का लक्ष्य मिला है. उत्पादन बढ़ाने के लिए हैवी डंफर, डोजर और सावेल मशीन की खरीदारी की जा रही है.
टारगेट से अधिक उत्पादन
सीएमडी ने अपने निदेशक मंडलों के अधिकारियों को पिछले वर्ष की उपलब्धियां भी गिनाई. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में कोल उत्पादन लक्ष्य 30 मिलियन टन निर्धारित था, लेकिन लक्ष्य से बढ़कर 30.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया गया. इसे प्राप्त करने में अधिकारियों ,मजदूरों ,यूनियन नेताओं सहित मीडिया का योगदान रहा.
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