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Ranchi. श्रमिकों को मुख्यधारा से जोड़ने और आर्थिक सहायता देने के लिए राज्य सरकार कई योजनाएं चलाती है. रांची जिले में भी मजदूरों के सहयोग के लिए विभिन्न योजनाएं जारी है. सरकार रांची जिला सहित राज्यभर में इन मजदूरों के लिए मुख्य रुप से 15 महत्वकांक्षी योजनाएं चला रहीं है. इन योजनाओं में स्कॉलरशिप, चिकित्सा सहायता, बीमा योजना, पेंशन योजना सहित कुछ अन्य योजनाएं शामिल हैं. इन योजनाओं को प्रमुख रुप से कंस्ट्रक्शन लेबरों के लिए चिह्नित किया गया है. राज्य में बिल्डिंग सहित अन्य कंस्ट्रक्शन वर्क में कुल 556781 मजदूर रेजिस्टर्ड हैं. वहीं रांची जिले में कुल 31911 मजदूर रेजिस्टर्ड हैं.
केवल रेजिस्टर्ड मजदूरों को ही दिया जाता है लाभ
योजनाओं का लाभ लेने के लिए इन मजदूरों के लिए सबसे जरुरी है सरकार के पोर्टल पर रेजिस्ट्रेशन करवाना. योजनाओं का लाभ केवल रेजिस्ट्रर्ड मजदूरों को ही दिया जाता है. ये योजनाएं मुख्य रुप से कंस्ट्रक्शन लेबर के लिए संचालित किए जाते हैं दूसरे असंगठित मजदूर जैसे फैक्ट्री में काम करने वालों, प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, किसानों आदि के लिए सरकार अलग से 5 योजनाएं चलाती है. कंस्ट्रक्शन वर्क के अलावा दूसरे अनऑर्गनाइजड वर्कर में राज्यभर में कुल 701081 मजदूर रेजिस्टर्ड हैं.
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2021-22 में लाभुकों को मिला किस योजना का लाभ
सेफ्टी किट – 899, मेघावी पुत्र/पुत्री छात्रवृत्ति योजना – 86, दुर्घटना सहायता योजना (सामान्य मृत्यु) – 6, चिकित्सा सहायता योजना – 1, अंत्येष्टि सहायता योजना – 6, निःशक्त्ता पेंशन – 3,पेंशन योजना – 48, पारिवारिक पेंशन – 46, मातृत्व प्रसुविधा योजना – 81.
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सरकार चला रही कौन-कौन सी योजनाएं
- स्कॉलरशिप योजना – बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार स्कॉलरशिप योजना संचालित कर रही है. इसके तहत श्रमिकों के दो बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार क्लास 1 से लेकर मेडिकल और इंजीनियरिंग तक के लिए सहायता देती है. इस योजना में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक दो बच्चों को बढ़ाने के लिए 5000 रुपये प्रति वर्ष, कक्षा 9 से लेकर 12 वीं तके के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष, ग्रेजुएशन के लिए 20,000 रुपये प्रति वर्ष और मेडिल या इंजीनियरिंग के लिए 50,000 रुपये प्रति वर्ष देती है.
- बीमा और दुर्घटना सहायता योजना – दुर्घटना में मृत्यु होने पर मजदूर के परिवार को 4 लाख रुपये तक का बीमा दिया जाता है. वहीं सामान्य मृत्यु या विक्लांगता की स्थिति में मजदूर को 1 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की सहायता दी जाती है.
- चिकित्सा सहायता योजना – किसी बीमारी के कारण पांच दिनों से ज्यादा हॉस्पिटल में भर्ती रहने पर मजदूर को हर दिन की न्यूनतम मजदूरी का भुगतान दिया जाता है. गंभीर बीमारी के होने पर मजदूर को फिलहाल सरकार 2,50,000 रुपये तक की सहायता देती है. मातृत्व प्रसुविधा योजना में दो बच्चों तक के लिए सरकार 15000 रुपये देती है.
- पेंशन योजना – मजदूर के वृद्ध होने के बाद या उनकी मृत्यु होने के बाद उनके परिवार को सरकार की ओर से 500 रुपये या 1000 रुपये तक की राशि विभिन्न पेंशन योजनाओं के तहत दी जाती है.
- विवाह सहायता योजना – मजदूर के दो संतान या महिला मजदूर की शादी के लिए सरकार उन्हें 30,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान करती है. इसके अलावा सरकार मजदूरों के लिए सेफ्टी कीट का वितरण, श्रमिक औजार सहायता, साईकिल सहायता योजना और अंत्येष्टि सहायता योजना भी चलाती है.