सम्मेलन को परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अन्य धर्म के लोगों के लिए ग्रंथ लिखा हुआ है, उसी प्रकार आदिवासी समाज के लिए नगम में दर्ज है. आदिवासी समाज का पहाड़ और पर्वत पर उद्गम स्थल रहा है. कई पीढ़ियों का इतिहास यहां से जुड़ा हुआ है. हम अपनी सभ्यता-संस्कृति को नहीं मिटने देंगे. इसके साथ ही पाहन, मांझी, नायक को गांव-गांव में ओलिचिकि भाषा में लोगों को जागृत करना होगा. हम आदिवासी अपनी सभ्यता-संस्कृति, जल जंगल जमीन को बचाए रखे हैं और आगे भी इस परंपरा को जीवंत रखेंगे.
मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी ने टेका मत्था
23 वें अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन में सूबे की मद्य निषेध मंत्री बेबी देवी लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ पहुंची. उन्होंने पुनाय थान में पूजा-अर्चना कर राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की. इसके बाद मंत्री बेबी देवी ने सीएम के साथ मंच साझा की. मौके पर दर्जा प्राप्त मंत्री योगेंद्र प्रसाद, पूर्व विधायक बबिता देवी, झामुमो के जिला अध्यक्ष हीरालाल मांझी, नेपाल के पूर्व सांसद मोहन टुडू सहित अन्य लोग मौजूद थे.
जिला प्रशासन भी रहा सक्रिय
लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ में आयोजित 23वें अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन में जिला प्रशासन ने भी काफी सक्रिय भूमिका निभाई. कार्यक्रम में डीसी कुलदीप चौधरी, एसपी प्रियदर्शी आलोक, डीडीसी कीर्ति श्री जी, अपर नगर आयुक्त सौरभ भुवानिया, चास एसडीओ दिलीप प्रताप सिंह शेखावत, बेरमो एसडीओ शैलश कुमार, डीएसपी बीएन सिंह, गोमिया बीडीओ महादेव महतो, सीओ प्रदीप महतो, डीटीओ, ट्रैफिक डीएसपी, दर्जनों थाने के थानेदार ,सीआरपीएफ, जगुआर सहित जिला पुलिस बल के जवान तैनात थे. श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए टेंट सिटी बनाये गये थे. जहां मेडिकल टीम भी तैनात थी. लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ स्थित दोरबार चट्टानी पुनाय थान में कार्तिक कुनामी में बोंगा बुरु (पूजा-अर्चना) के लिए रविवार से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ना शुरू हो गया था. सोमवार को देर रात तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार बोंगा बुरु के लिए लगी रही. देश-विदेश से आये श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखा गया. यहां आये श्रद्धालुओं ने पुनाय थान में अपने ईष्ट देव लुगूबुरु, लुगू बाबा, लुगू आयो, मरांग बुरु, कुड़ीकिन बुरु, घांटाबाड़ी गो बाबा, बीरा गोसाईं व कपसा देवता की पूजा-अर्चना की. पाहन ने पूजा संपन्न कराया. इसके पहले लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति की ओर से विशेष पूजा-अर्चना की गई.
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धर्म महासम्मेलन में जुटे लाखों श्रद्धालु
एक अनुमान के अनुसार 23वें अंतरराष्ट्रीय सरना धर्म महासम्मेलन में झारखंड सहित अन्य प्रदेशों व विदेशों से लगभग सात से आठ लाख श्रद्धालुओं का महाजुटान हुआ. 25 नवंबर से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी हुआ, जो रविवार रात तक अनवरत जारी रहा. सभी श्रद्धालु सीतानाला झरना में स्नान कर लुगू पहाड़ चढ़ने के मुख्य द्वार पर माथा टेक लुगू पहाड़ की खड़ी सात किलोमीटर चढाई चढकर लुगू गुफा पहुंचे .जहां श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर लुगू बाबा, लुगू आयो की पूजा-अर्चना कर वापस दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान में पूजा करने के बाद धर्म महासम्मेलन में शामिल हुए. रविवार से सोमवार देर रात तक लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़, लुगू पहाड़ व ललपनिया संथाल आदिवासी से गुलजार था. हजारों श्रद्धालु लुगू पहाड़ चढ़ रहे थे, तो हजारों लुगू गुफा में लुगू बाबा और लुगू आयो की पूजा-अर्चना कर लौट रहे थे.
लुगू बाबा,लुगू आयो छटका द्वार व सीता झरना में श्रद्धालुओं ने की पूजा
लुगू पहाड़ की तलहटी स्थित सीतानाला झरना के पास पौराणिक लुगू बाबा, लुगू आयो छटका द्वार पर पूजा-अर्चना के लिए लंबी कतार लगी थी, वहीं झरना के पास पेड़ों की टहनियों से गिरते पानी को बोतलों में भरने के लिए भी काफी भीड़ जमी थी. यहां संथाल आदिवासी महिला-पुरुषों में पूजा-अर्चना को लेकर अद्भूत आस्था देखी गई. यहां स्थित गुफा को छटका अर्थात आंगन कहा जाता है. लोगों का ऐसा मानना है कि लुगू बाबा और लुगू आयो इसी गुफा के रास्ते सात किलोमीटर ऊपर घिरी दोलान से सीता झरना पहुंचे थे, जहां वे स्नान ध्यान किया करते थे.
सभी आठ बस स्टैंड फुल
ललपनिया में आयोजित सरना धर्म महासम्मेलन में शनिवार से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हुआ, जो सोमवार तक जारी रहा. श्रद्धालुओं के वाहनों के ठहराव के लिए आठ अलग-अलग जगहों पर वाहन पार्किंग बनाई गई थी, जो वाहनों पूरी तरह फुल हो गया था. पार्किंग स्थल भर जाने के कारण दर्जनों वाहन टीटीपीएस आवासीय कॉलोनी में सड़क किनारे भी खड़े थे.
पुनाय थान में सीएम हेमंत सोरेन ने पत्नी कल्पना सोरेन के साथ की पूजा-अर्चना
सीएम हेमंत सोरेन हेलीपैड से सीधे दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान अपने पारंपरिक पोषक में पत्नी कल्पना सोरेन के साथ पहुंचे, जहां पाहन फेनीराम सोरेन, मझला मुर्मू, रामलाल सोरेन सहित सहयोगियों ने सीएम तथा उनकी पत्नी कल्पना सोरेन, मद्यनिषेध मंत्री बेबी देवी, परिवहन मंत्री चंपई सोरेन को आराध्य देव की विधिवत पूजा-अर्चना करायी. सीएम ने नारियल फोड़कर तथा पुनाय थान में माथ टेककर राज्य व राज्यवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की.
संथाली बालाओं ने का किया पारंपरिक स्वागत
सीएम हेमंत सोरेन के पुनाय थान पहुंचने पर मुख्य द्वार पर संथाली बालाओं ने पारंपरिक तरीके से स्वागत किया. बालाओं ने सीएम के माथे पर तिलक तथा जल छिड़का. इसके बाद पुनाय थान पूजा करने के बाद पारंपरिक परिधान पहनी बालाएं माथे पर लोटा लिये पारंपरिक नृत्य व गीत गाते हुए सीएम को मंच तक ले गयीं. सीएम और मंचासीन अतिथियों का लोटा पानी से स्वागत किया गया. इसके बाद संथाल आदिवासी बालिकाओं ने मनमोहक पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया. जिसे मंचासीन अतिथियों व श्रद्धालुओं ने भरपूर आनंद उठाया और ताली बजाकर उनका हौसला अफजाई की.
समिति ने सीएम को 11सूत्री मांग पत्र सौंपा
लुगूबुरु घांटाबाडी धोरोमगाढ़ समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन व सचिव लोबिन मुर्मू ने 11 सुत्री मांग पत्र सौपा.मांग पत्र में प्रतिवेदन के माध्यम समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन लुगू पहाड़ मे डीवीसी द्वारा प्रस्तावित 1500 मेगावाट हाइडल पावर टीएसी की बैठक रद्द करने के प्रस्ताव पर तमाम संथाल समाज की ओर हेमंत सरकार को बधाई दी.
समिति के पदाधिकारी व सदस्य थे मुस्तैद
दोरबार चट्टानी स्थित पुनाय थान से लेकर मंच तक लुगूबुरु घांटाबाड़ी धोरोमगाढ़ समिति के अध्यक्ष बबुली सोरेन, सचिव लोबिन मुर्मू, उपाध्यक्ष बाहाराम हांसदा, उपसचिव मिथिलेश किस्कू, संयोजक मितन सोरेन, सतीशचंद्र मुर्मू, जयराम हांसदा, लुदू मांझी, दिलीप मरांडी, दिनेश मुर्मू, बुधन सोरेन, सुखराम बेसरा, मुखिया बबलू हेम्ब्रम, दशरथ मार्डी, अंजन हेम्ब्रम, धनीराम मांझी, भुनेश्वर टुडू, फुलचंद हेम्ब्रम, रजीलाल सोरेन, गुरुलाल मांझी, कमल बेसरा, वहीं लुगू पहाड़ में लुगूबुरु पुनाय थान ट्रस्ट समिति अध्यक्ष सुरेंद्र टुडू, आलोक हेम्ब्रम, राजेश मुर्मू, सावन हेम्ब्रम सहित समिति ने अन्य सदस्यों काफी सक्रिय थे. वहीं जिला प्रशासन की पहल से ओएनजीसी के टेंट सिटी के पास श्रद्धालुओं के बीच खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया गया. लुगू पहाड़ से पूजा-अर्चना कर लौटने वाले श्रद्धालुओं के बीच कई स्वयंसेवी संगठनों के गुड़ चना, चुडा का वितरण किया.