Bermo: गोमिया के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. उन्होंने सीएम से मिलकर आईईएल गोमिया प्रबंधन द्वारा आदिवासी रैयतों की ख़ातियानी जमीन पर जबरन कब्जा करने का आरोप लगाया. उन्होंने पत्र में ग्राम करमाटांड़, कसवागढ़, शहर टोला, खम्हारा और चीतु के ऐसे 7 रैयतों के नाम और उनकी ख़तियानी जमीन का उल्लेख किया, जिसे IEL प्रबंधन द्वारा गैर-कानूनी तरीके से कब्जा किया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि जब उक्त भूमि पर रैयत खेती-बारी करने जाते हैं तो शीर्ष प्रबंधन द्वारा उन्हें प्रशासन का भय दिखा कर डराया जाता है. केस करने की धमकी दी जाती है. जबकि उक्त भूमि आदिवासी रैयतों की ख़तियानी भूमि है. जिसका लगान रसीद वर्ष 2021-22 तक निर्गत है.
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पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री से तथ्यों की जांच कराकर आदिवासी रैयतों की ख़तियानी जमीन वापस कराने की मांग की है. इस संबंध में पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि कोरोना काल में जब लोग घर पर सुरक्षा के कारण नहीं निकल रहे थे, उसी समय आईईएल प्रबंधन ख़तियानी जमीनों में फेंसिंग कर रहा था. विरोध करने पर रैयतों को डराया जाता था. क्षेत्र भ्रमण के दौरान सियारी के कई गांव मौजा के ग्रामीणों ने उनसे शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि आईईएल प्रबंधन पर सख्त कार्रवाई होगी. मुख्यमंत्री ने मामले को पूरी गंभीरता से लिया और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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