Bermo: बोकारो और हजारीबाग जिला को विभाजित करने वाली सीमा रेखा नरकी स्थित पत्थर के अवैध कारोबारी कोनार नदी के प्रकृति को बिगाड़ रहे हैं. कोनार नदी के दोनों ओर का इलाका वन से आच्छादित है. पत्थर के कारोबार करने वाले नदी के साथ साथ जंगल को भी नष्ट करने में लगे हैं. पत्थर के कारोबारी पत्थर तोड़कर स्थानीय क्रशर में पहुंचाने का काम करते हैं.
बताया जाता है कि कोनार नदी ही है जो प्रदूषण से मुक्त है. इस नदी में किसी प्रकार की गंदगी का प्रवाह नही है. यह नदी गोमिया और आसपास के क्षेत्र के लोगों को के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी और जीवनदायिनी है. आईईएल कंपनी और सीसीएल अपने अपने कॉलोनी सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल इसी नदी से मुहैया कराती है. पत्थर के कारोबारी जिस प्रकार नदी के बीच से लेकर किनारे तक पत्थरों का उत्खनन कर रहे हैं, उससे आने वाले दिनों में पानी का धार इंटेक वेल से दूर हो जायेगाय. भविष्य में इस क्षेत्र के लोगों के लिए पानी का संकट और गहरायेगा.
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प्रशासन सब कुछ जानती है इसके बावजूद भी पत्थर के कारोबारियों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है. बताया जाता है कि नदी के दोनों ओर करीब एक दर्जन क्रशर स्थापित हैं. नदी का पत्थर इन्हीं क्रशर में जाता है. अब तो दिन में धड़ल्ले से पत्थर का तस्करी हो रहा है.
इस संबंध में बेरमो एसडीओ अनंत कुमार ने कहा कि बेरमो क्षेत्र में उत्खनन नही होता है. हजारीबाग जिला के सीमा पर हो सकता है. इसके बावजूद भी उन्होंने चेक करने की बात कही है. वहीं बोकारो जिला के खनन पदाधिकारी के मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की मगर उन्होंने फोन रिसीव नही किया, लिहाजा उनका मंतव्य नही आ सका.
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