Jamshedpur : जमशेदपुर झारखंड सरकार के भोजपुरी भाषा को मान्यता नहीं देने के खिलाफ भोजपुरी भाषियों में नाराजगी है. इस मामले को लेकर रविवार को भोजपुरी विकास परिषद की बैठक गरमनाला, साकची में हुई. इसमें सरकार के निर्णय पर नाराजगी जताई गई. भोजपुरी विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने बताया कि राज्य में भोजपुरी भाषा की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। झारखंड के 24 जिले में 8-10 जिलों में भोजपुरी भाषियों की अच्छी खासी जनसंख्ताया है, खासकर गढ़वा, डाल्टेनगंज, पलामू समेत 4 जिले ऐसे हैं जहां भोजपुरी भाषाभाषी के लोग सबसे ज्यादा रहते हैं. इसके आलावे पूर्वी सिंहभूम, रांची, हजारीबाग समेत राज्य के सभी शहरी क्षेत्र वाले जिलों में भोजपुरी भाषी रहते हैं. वे बोलचाल के आलावे भाषा के उठान और प्रगति के लिए संघर्षरत हैं.
इसे भी पढ़ें : डेढ़ घंटे में कबाड़ बन गया चोरी गया ऑटो, पुलिस बोली-चक्का लगवाकर थाने ले आना
उन्होंने कहा कि राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने झारखंड में भोजपुरी को द्वितीय राज भाषा का दर्जा देने की बात कही थी. लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया. भोजपुरी विकास परिषद झारखंड सरकार से मांग करती है कि भोजपुरी को अविलम्ब द्वितीय राज भाषा का दर्जा दे और हर नौकरी एवं प्रवेश परीक्षाओं में भोजपुरी को भी शामिल करें, अन्यथा भोजपुरी की लड़ाई के लिए भोजपुरी समाज बलिदान भी देने से पीछे नहीं हटेगा। बैठक में भोजपुरी विकास परिषद की गरमनाला कमेटी का गठन भी किया गया. उक्त जानकारी परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी ने दी है। बैठक में मिथिलेश श्रीवास्तव, मुन्ना चौबे, भगवान मिश्रा, अप्पू तिवारी, गोलू सिंह, मनोज सिंह आदि उपस्थित थे.
परिषद की गरमनाला कमेटी
अध्यक्ष – मुरारी सिंह
कार्यकारी अध्यक्ष -साधुचरण लाल
उपाध्यक्ष – गोपाल प्रसाद सिंह एवं अंकुश मिश्रा
महासचिव- शिव बिहारी राम
सह सचिव- रोहित कुमार सिंह,शैलेन्द्र कुमार,दिलीप तिवारी
कोषाध्यक्ष- लाल बिहारी
कार्यकारी सदस्य -रविशंकर सिंह,अभिषेक कुमार,राधेश्याम महतो,गौरव कुमार सिंह,गोबिंद जी,विकास साहू व अन्य.