LagatarDesk: बुधवार को अमेरिका में जो बाइडेन ने 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. इसी के साथ अमेरिका में बाइडेन युग की शुरुआत हो गयी है. उम्मीद की जा रही है कि जो बाइडेन के आने से भारत पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा. इसके साथ ही भारत-अमेरिका का कारोबारी रिश्ते भी और मजबूत हो सकते हैं. भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड हमेशा सरप्लस में रहा है.
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अमेरिका की अर्थव्यवस्था बदतर
फिलहाल बाइडेन से कुछ उम्मीद नहीं की जा सकती है. क्योंकि अमेरिका कोरोना के कारण काफी प्रभावित हुआ है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था की हालत बदतर हो गयी है. अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ी है. ट्रंप ने व्यापारिक मामलों को सही तरीके से डील नहीं किया था. राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका में H-1B वीजा में लगातार बदलाव किया था. इससे सबसे अधिक नुकसान भारतीय प्रोफेशनल्स को हुआ था.
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तेल एवं नवीकरणीय ऊर्जा में बेहतरी की उम्मीद
इसी तरह अगर बाइडेन ने ईरान के साथ रिश्ते बेहतर किये और उस पर लगे प्रतिबंधों में नरमी बरती तो भारत के लिए कच्चा तेल सस्ता हो सकता है. हाल के दिनों में पेट्रोल और डीजल कीमतों में तेजी देखी गयी.
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फार्मा इंडस्ट्री को फायदा
बाइडेन ने कहा था कि वे हेल्थकेयर पर खर्च बढ़ायेंगे. इससे भारत के दवा उद्योगों को काफी फायदा हो सकता है. भारत से बड़े पैमाने पर अमेरिका को दवाओं की आपूर्ति की जाती है.
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शेयर बाजार पर क्या होगा असर
अमेरिका में चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शेयर बाजार मजबूत होने लगा है. इतिहास में पहली बार सेंसेक्स ने 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया है. इससे भारतीय शेयर बाजारों को थोड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है क्योंकि निवेशक अमेरिकी बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं.
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आत्मनिर्भर भारत के लिए होगा फायदेंमंद
भारत-अमेरिका के बीच कई ऐसे मामले हैं जो अभी तक ठीक नहीं हुए हैं. अमेरिका ने भारत को अपने जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफरेंस (GSP) के फायदों से बाहर कर दिया था. भारत लगातार कोशिशों में लगा है कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते हो जाये. भारत अब चीन को पछाड़कर दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनना चाहता है. भारत-अमेरिका रिश्ते सुधरने से ही यह संभव हो सकेगा. यह आत्मनिर्भर भारत के लिए भी काफी फायदेमंद रहेगा.
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अमेरिका के साथ बेहतरीन व्यापार
पिछले 20 साल में भारत का लगातार…. अमेरिका के साथ ट्रेड अच्छा रहा है. साल 2001-02 में करीब 38 हजार करोड़ रुपये का ट्रेंड किया गया. जो साल 2019-20 में करीब 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है.
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अमेरिका के निर्यात में भारत का हिस्सा 5 फीसदी
दुनिया से अमेरिका को होने वाले सर्विसेज निर्यात में भारत का हिस्सा करीब 5 फीसदी है. साल 2019 में अमेरिका का भारत से सर्विसेज का आयात 29.7 अरब डॉलर का रहा. पिछले 15 साल में इसमें करीब 14 फीसदी की सालाना दर से बढ़त हुई है. यही नहीं, पिछले 20 सालों में भारत में अमेरिका प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत रहा है.
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