Patna: एलजेपी में चल रहे सियासी घमासान के बीच चिराग पासवान ने आज खुला पत्र लिखा है. चिराग अपनी पार्टी में टूट के बाद अब पहले से ज्यादा आक्रामक दिख रहे हैं. चिराग ने अपने खुले पत्र में लिखा है कि, बीजेपी को नीतीश कुमार का असली चेहरा दिखाने की कोशिश की है. चिराग ने कहा है कि कैसे नीतीश कुमार ने बीजेपी और खास तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुहिम चलाई और फिर बाद में एनडीए में ही आकर मिल गए. नीतीश के भरोसे पर सवाल खड़ा करते हुए चिराग पासवान ने एक-एक बात का जिक्र अपने खुले पत्र में किया है.
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चाचा और चचेरे भाई प्रिंस को भी दिया जवाब
चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति पारस और चचेरे भाई प्रिंस राज को भी खुले पत्र के जरिए जवाब दिया है. चिराग ने कहा है कि चाचा मुझसे यह सवाल पूछ रहे हैं कि मैंने उन्हें बिहार के अध्यक्ष पद से क्यों हटाया. इसपर चिराग ने कहा कि जब पशुपति पारस को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया, उस वक्त लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान थे.
चिराग ने कहा है कि मुझमें और प्रिंस में पापा ने कभी कोई फर्क नहीं समझा. पापा चाहते थे कि उनके रहते और चाचा जी के मार्गदर्शन में प्रिंस अपनी जिम्मेदारियों को समझ ले. इसीलिए उन्होंने चाचा की जगह प्रिंस को बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया था.
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चिराग ने कहा कि “चुनाव अकेले लड़ने का फैसला ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि सैद्धांतिक तौर पर भी जरूरी था. जब एक तरफ गठबंधन में मात्र 15 सीटें पार्टी को लड़ने के लिए दी जा रही थी, जो कहीं से भी तार्किक नहीं था. तो वहीं दूसरी तरफ समझौता हमें एक ऐसे राजनीतिक दल से करना था जिनकी नीतियों का विरोध सदैव हमारे नेता रामविलास पासवान जी ने किया था. जनता दल यूनाइटेड ने हमेशा लोक जनशक्ति पार्टी को तोड़ने का काम किया. 2005 फरवरी के चुनाव में हमारे 29 विधायकों को तोड़ा गया और साथ ही साथ हमारे बिहार प्रदेश के अध्यक्ष को भी तोड़ने का काम किया गया.
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