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पीएम के साथ 24 की मीटिंग में शामिल होगा जम्मू-कश्मीर का गुपकार ग्रुप, महबूबा ने अलापा राग, सरकार पाकिस्तान से भी बात करे

NewDelhi :. 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलायी गयी अहम मीटिंग से पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने फिर पाकिस्तान को लेकर राग अलापा है. महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पाकिस्तान से भी बात होनी चाहिए.  कहा कि संविधान ने हमें जो अधिकार दिया है, जो हमसे छीना गया है उसके अलावा भी जम्मू-कश्मीर में एक मसला है. पूरे क्षेत्र में शांति करनी चाहिए. महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार से कश्मीरी नेताओं को रिहा करने की भी मांग की. महबूबा मुफ्ती कहा कि वे हमसे बातचीत कर रहे हैं, तालिबान के साथ भी बात कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में भी सभी के साथ बातचीत करें और पाकिस्तान के साथ भी करें.  बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर केंद्र सरकार का हमेशा रुख यही रहा है कि पाकिस्तान और पाकिस्तान समर्थित हुर्रियत नेताओं से कोई बातचीत नहीं होगी. ऐसे में अब जब पीएम मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर के अंदरूनी मसले पर मीटिंग बुलायी गयी है, महबूबा के इस बयान ने फिर नये विवाद को जन्म दे दिया है. इसे भी पढ़ें :  सुब्रमण्यम">https://lagatar.in/subramanian-swamy-said-china-is-miles-ahead-of-india-in-every-respect-imf-un-dont-see-basic-data-of-china/93527/">सुब्रमण्यम

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प्रधानमंत्री  की अगुवाई में 24 को दिल्ली में  मीटिंग होनी है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में 24 जून को दिल्ली में एक अहम मीटिंग होनी है.  मीटिंग के लिए जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों को बुलावा भेजा गया है.  गुपकार जन घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि गठबंधन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में शामिल होगा. यह घोषणा यहां अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर केंद्र के निमंत्रण को लेकर चर्चा करने के लिए हुई पीएजीडी नेताओं की बैठक के बाद की गयी. इसे भी पढ़ें :  कोविड">https://lagatar.in/covid-19-rahul-gandhi-releases-white-paper-says-third-wave-is-sure-to-come-warns-modi-government/93463/">कोविड

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फारुक अब्दुल्ला के आवास पर सुबह 11 बजे बैठक हुई

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम वाई तारिगामी सहित घटक दलों के नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला के आवास पर सुबह 11 बजे बैठक में शामिल होने पहुंचे. बैठक में फैसला लिया गया  कि जिन्हें न्योता मिला है, वो नेता पीएम के बुलावे को स्वीकारेगा. अब यह बात साफ हो गयी है कि फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती समेत अन्य गुपकार ग्रुप के नेता भारत सरकार द्वारा बुलायी गयी मीटिंग में शामिल होंगे. जान लें कि  अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ बातचीत की यह सबसे बड़ी पहल  मानी जा रही है. इसे भी पढ़ें : शरद">https://lagatar.in/sharad-pawar-called-a-meeting-of-opposition-leaders-prashant-kishor-said-not-sure-that-any-front-will-be-able-to-challenge-the-bjp-strongly/93397/">शरद

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परिसीमन आयोग का गठन फरवरी 2020 में किया गया था

कयास लगाये जा रहे हैं कि बैठक के एजेंडे में परिसीमन पर चर्चा सर्वोपरि है. हालांकि केंद्र शासित प्रदेश को राज्य का दर्जा दिये जाने को लेकर भी चर्चा जोरों पर हैं. इस मसले पर कुछ नेताओं का कहना है कि राज्य का दर्जा दिये जाने की बात करना अभी जल्दबाजी होगी. बता दें कि बैठक से ठीक पहले परिसीमन आयोग द्वारा केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिला आयुक्तों से कई जानकारियां मांगी जा चुकी है. परिसीमन आयोग का गठन फरवरी 2020 में किया गया था.   आयोग को इस साल मार्च में एक साल का विस्तार दिया गया है. परिसीमन आयोग को विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं को चित्रित करने का काम सौंपा गया है. अगर जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने हैं तो इन सभी प्रक्रिया को पूरा करना जरूरी होगा.   [wpse_comments_template]
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