Patna: राज्य सरकार ने बालू के अवैध खनन मामले में दो आइपीएस सुधीर कुमार पोरिका व राकेश दुबे समेत 17 पुलिस और अफसरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इसमें औरंगाबाद और भोजपुर के तत्कालीन एसपी, चार एसडीपीओ, एक अनुमंडल पदाधिकारी, तीन अंचलाधिकारी, छह खनन पदाधिकारी और एक मोटरयान निरीक्षक शामिल हैं. इन सभी अफसरों को आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के आधार पर पहले ही पद से हटा दिया गया था. अब मंगलवार को निलंबन की कार्रवाई की गई है. सभी अफसरों पर अलग से विभागीय कार्यवाही भी होगी. इसके अलावा बिहटा के सीओ विजय कुमार सिंह और बिक्रम के सीओ वकील प्रसाद सिंह को उनके पद से हटाते हुए उनकी सेवा उनके पैतृक विभाग क्रमश: सहकारिता विभाग व योजना विकास विभाग में वापस कर दी गई है.
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बालू खनन के साथ परिवहन में भी शामिल थे एसपी
गृह विभाग ने अपने आदेश में भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका की अवैध बालू खनन व ढुलाई में शामिल रहने का आरोप लगाया है. दोनों अफसरों पर बालू के अवैध उत्खनन, भंडारण एवं परिवहन में अपने दायित्वों का निर्वहन न करने, इसमें संलग्न लोगों को मदद पहुंचाने, अवैध उत्खनन व परिवहन में संलिप्त रहने, अपने अधीनस्थ पदाधिकारियों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखने एवं संदिग्ध आचरण से संबंधित आरोप लगाए गए हैं. यह भी स्पष्ट किया गया है कि आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के बाद डीजीपी की अनुशंसा पर निलंबन की कार्रवाई की जा रही है. निलंबन अवधि में दोनों एसपी का मुख्यालय पटना रेंज के आइजी का कार्यालय होगा.
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निलंबित अफसरों को मिलेगा जीवन निर्वाह भत्ता
दोनों एसपी समेत सभी 17 पदाधिकारियों को निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। विभागीय कार्यवाही के लिए आदेश अलग से निर्गत किया जाएगा.