Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में चल रही जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में चौंकाने वाला फैसला लिया है. जदयू का अध्यक्ष पद छोड़ते हुए नीतीश अपने गृह जिले नालंदा से आनेवाले, बेहद करीबी रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया. खबरों के अनुसार नीतीश कुमार ने खुद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में प्रस्ताव रखा जो सर्वसम्मति से पारित हो गया.
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नीतीश 2022 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रह सकते थे
बता दें कि नीतीश 2022 तक राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रह सकते थे. लेकिन बीच में ही उनका यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है. लेकिन जानकारों के अनुसार पार्टी के सारे फैसले तो नीतीश ही लेंगे, उस पर रामचंद्र प्रसाद सिर्फ मुहर लगायेंगे. कहा जा रहा है कि भाजपा के बिहार विधानसभा में सीटों के मामले में बड़े भाई की भूमिका में आने से नीतीश असहज महसूस कर रहे थे.
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इसे नीतीश का मास्टर स्ट्रोक करार दिया जा रहा है
जदयू के के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते वो कोई कड़ा फैसला लेते, तो उनपर बतौर मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण गठबंधन धर्म को लेकर आंच आ सकती थी, इसीलिए इसे नीतीश का मास्टर स्ट्रोक करार दिया जा रहा है. एक बात और कही जा रही है कि नीतीश अब सक्रिय राजनीति से दूरी बनाना चाहते हैं. उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान ही कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है. कहा जा रहा है कि क्या नीतीश ने पार्टी का अध्यक्ष पद आरसीपी सिंह को सौंप कर एक तरह से अपनी पारी समाप्ति की घोषणा कर दी है?