- बीजेपी के पास नहीं हैं अपने कार्यकर्ता खरीदे हुए कार्यकर्ताओं से करती है राजनीति
- 24 घंटे चुनावी मोड में रहती है बीजेपी, बस यही सोचते हैं कहां सरकार बनायें और कहां गिरायें
- असम के ढेकियाजुली की चुनावी सभा में बीजेपी पर बरसे हेमंत सोरेन
Assam: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि बीजेपी वाले वोट खरीदते हैं. जब उन्हें वोट नहीं मिलता है तो विधायकों और सांसदों को खरीदते हैं. बीजेपी के पास अपने कार्यकर्ता नहीं हैं, खरीदे हुए कार्यकर्ताओं से वो राजनीति करती है. असम के ढेकियाजुली में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन ने यह बातें कही.
हेमंत ने कहा कि बीजेपी 24 घंटे चुनावी मोड में रहती है. इसके पास बस यही काम है कि कहां सरकार बनायें और कहां गिरायें. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग हुई. सीएम ने कहा कि ये हिंदू को हिंदू से और आदिवासी को आदिवासी से लड़ाकर राजनीतिक रोटी सेंकते हैं. इनकी मुहिम खतरनाक है.
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हेमंत ने कहा बीजेपी के मंत्रियों ने खूब पिकनिक मनायी
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक साल पहले झारखंड में भी डबल इंजन की सरकार थी. वहां के लोग भूख से मरने लगे. इन लोगों ने राज्य को तहस-नहस करके रख दिया था. उस समय झारखंड के मंत्री सोने की थाली में खाना खा रहे थे. अपने व्यापारी मित्रों का हवाई अड्डे पर स्वागत कर रहे थे. खूब पिकनिक मनाया. 2019 में राज्य की जनता ने इस डबल इंजन में से एक इंजन को उखाड़ कर गुजरात भेज दिया.
कोरोना काल में मजदूरों को मरने के लिए छोड़ दिया
हेमंत ने कहा कि आज झारखंड में शांति है. बीजेपी सरकार ने कोरोना काल में श्रमिकों को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया. हमने उन्हें लाने की गुहार लगायी, लेकिन लाने नहीं दिया गया. प्रधानमंत्री कहते थे कि हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज चढ़ायेंगे, लेकिन लॉकडाउन में खुद बंद कमरे में सिमटे रहे और श्रमिक सड़कों पर भटकते रहे. राज्य सरकार ने अपने खर्च पर श्रमिकों को हवाई जहाज और ट्रेन से झारखंड लाया.
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अन्नदाताओं के साथ अन्याय कर रही बीजेपी सरकार
हेमंत ने केंद्र सरकार पर अन्नदाताओं के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कृषि कानून के विरोध में देशभर के किसान पिछले कई महीने से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुनी कर उन्हें सड़क पर छोड़ दिया है. यह सरकार किसानों की आय को दोगुना करने की बात करती है, लेकिन किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई पर उनका कर्ज दोगुना जरूर हो गया.
कृषि कानून से किसान अन्नदाता नहीं मजदूर हो जाएंगे
हेमंत ने कहा कि कृषि कानूनों को उद्योगपतियों के इशारे पर लाया गया है. इस कानून के लागू होने से किसान अन्नदाता ना होकर मजदूर हो जाएंगे. वे खेतों में मजदूरी करेंगे और मुनाफा पूंजीपति कमाएंगे. जिस देश का राजा व्यापारी होता है उस देश की प्रजा भिखारी रहता है. चुनाव को अंजाम तक पहुंचना है.
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