वनडे : भारत-वेस्टइंडीज के बीच 1 अगस्त को सीरीज का निर्णायक मैच, रोहित-विराट की होगी वापसी)
हाईकोर्ट के पास बहुत शक्तियां हैं
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट का रुख करने को कहा. अदालत ने कहा कि उच्च न्यायालय संवैधानिक अदालतें होती हैं. संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उनकी शक्तियां बहुत हैं. स्थानीय उच्च न्यायालय होने के कारण अगर उन्हें लगता है कि स्थानीय पुलिस सही तरीके से काम नहीं कर रही हैं तो वे सक्षम अधिकारियों के साथ एसआईटी का गठन कर सकते हैं और जांच पर निगरानी रख सकते हैं. इसे भी पढ़ें : रांची">https://lagatar.in/ranchi-case-registered-in-case-of-tampering-with-tricolor/">रांची: तिरंगे के साथ छेड़छाड़ मामले में केस दर्ज, लोगों को चिन्हित करने में जुटी पुलिस
नीतीश सरकार के खिलाफ भाजपा ने किया था विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि पटना में 13 जुलाई को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया था. इस दौरान पुलिस की लाठीचार्ज में भाजपा के नेता विजय कुमार सिंह की मौत हो गयी. इस मामले की सुप्रीम कोर्ट के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश या केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अध्यक्षता में एसआईटी जांच कराये जाने का अनुरोध किया गया था. जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करने से इनकार किया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका वापस ले ली और मामले का निस्तारण कर दिया गया. इसे भी पढ़ें : हरियाणा">https://lagatar.in/haryana-clashes-between-two-groups-during-the-saffron-yatra-fierce-stone-pelting-many-injured/">हरियाणा: भगवा यात्रा के दौरान दो गुटों में झड़प, जमकर हुई पत्थरबाजी, कई घायल [wpse_comments_template]
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