Ranchi: राज्य में दलितों पर हो रहे अत्याचार की शिकायत लेकर भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा सोमवार को राजभवन पहुंचा. मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अमर बाउरी और विधायक समरी लाल ने राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि राज्य में दलितों की स्थिति चिंताजनक है. आये दिन किसी न किसी हिस्से में दलितों के खिलाफ अपराध की शिकायतें सामने आ रही हैं. हाल ही में पलामू के मुरूमातू में दलितों को बेघर किया गया. जमशेदपुर में जांच के नाम पर दलित लड़की को अपमानित किया गया. हजारीबाग के पचरा गांव में दलित की हत्या कर शव को पोल पर टांग दिया गया. यह घटनाएं बताती हैं कि किसी भी जिले में दलित सुरक्षित नहीं हैं. विधायकों ने राज्यपाल से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने की दिशा में जरूरी कार्रवाई करने का आग्रह किया.
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एकतरफा रिपोर्ट तैयार की गई
राज्यपाल के बातचीत के दौरान विधायक समरी लाल के जाति प्रमाण पत्र का भी मामला उठा और इसे सरकारी षडयंत्र बताया गया. राजभवन से निकलने के बाद अमर बाउरी ने कहा कि कांके सीट से निर्वाचित समरी लाल का जाति प्रमाण पत्र बगैर किसी आधार के स्थानीय जांच में रद्द कर दिया गया है. रांची डीसी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में स्थानीय जांच के समय कोई सूचना या नोटिस समरी लाल को नहीं दी गयी. एकतरफा रिपोर्ट तैयार कर दी गई.
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संज्ञान लेकर कार्रवाई करें महामहिम
उन्होंने कहा कि 1943 से समरी के पूर्वज हरमू के वाल्मीकि नगर के निवासी हैं. समरी लाल का जन्म और शिक्षा भी रांची में हुआ. उनकी दादी 1935 से रांची नगरपालिका में कार्यरत रही. समरी लाल ने 1985 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. इसके बाद 1990-95 में जनता दल, 2000 में राजद, 2005-2009 में झामुमो और 2019 में भाजपा से चुनाव लड़े, लेकिन इस अवधि में कभी भी उनके जाति प्रमाण पत्र को गलत नहीं बताया गया. अब सरकारी षडयंत्र के तहत ऐसा किया गया है जिस पर राज्यपाल संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें.