Ranchi : गिरिडीह जिले के पचंबा की रहने वाली 45 वर्षीय ब्लैक फंगस संक्रमित उषा देवी का इलाज के दौरान रिम्स में मौत हो गयी है. गौरतलब है कि उषा को इलाज के लिए 17 मई को रिम्स लाया गया था. लेकिन इलाज शुरू होने में दो दिन लग गए. वहीं उषा के इलाज में हुए लापरवाही को लेकर उनके बच्चे सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे थे. बच्चों ने मुख्यमंत्री से भी बेहतर इलाज की गुहार लगाई थी. थक-हारकर बच्चों ने हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था. जिसके बाद रिम्स निदेशक को चीफ जस्टिस ने कड़ी फटकार लगाई गई थी.
इसे भी पढ़ें – लेवी नहीं मिलने व मुखबिरी के आरोप में नक्सलियों ने की 12 लोगों की हत्या
8 जुलाई को हुआ था ऑपरेशन
ब्लैक फंगस संक्रमित मरीज उषा देवी का ऑपरेशन 8 जुलाई को हुआ था. इस ऑपरेशन में ईएनटी विभाग के डॉक्टर, न्यूरो सर्जरी, एनेस्थीसिया के डॉक्टर समेत अन्य लोग भी थे.
सेप्टीसीमिया में चले जाने के कारण हुई उषा देवी की मौत
उषा देवी का इलाज कर रही ईएनटी विभाग की एचओडी डॉ चंद्रकांती बिरुआ ने कहा कि सेप्टीसीमिया में चले जाने के कारण उषा देवी की मौत हुई है. शनिवार को ऑपरेशन किए गए आंख से अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण उषा को ओटी में ले जाया गया. लेकिन शनिवार के रात से ही ब्लड प्रेशर लो होने लगा था. रविवार को इलाज के दौरान रिम्स के कार्डियोलॉजी के आईसीयू में उषा ने अंतिम सांसे ली.
इसे भी पढ़ें –दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार,नये IT मिनिस्टर की चेतावनी के बाद जागा ट्विटर, विनय प्रकाश को स्थानीय शिकायत अधिकारी नियुक्त किया
वज्र वाहन को किया गया तैनात
वही उषा देवी के मौत के बाद रिम्स कार्डियोलॉजी विभाग में वज्र वाहन को भी तैनात किया गया है. वहीं स्थानीय बरियातू थाने की पुलिस के साथ-साथ सैप के जवान भी तैनात हैं.
इसे भी पढ़ें –अफगानिस्तान : तालिबान का 85 फीसदी हिस्से पर कब्जे का दावा, भारतीय वाणिज्य दूतावास के स्टाफ सुरक्षित निकाले गये
सभी रिपोर्ट का फिर से परीक्षण किया जाए
वहीं मृतक का बेटा गौरव ने कहा कि ऑपरेशन के बाद मेरी मां को देखने के लिए ना तो डॉ सीके बिरुआ आयी और ना ही डॉ विनोद आये. मां के इलाज में लापरवाही बरता गया है. गौरव ने मांग किया है कि सभी रिपोर्ट का फिर से परीक्षण किया जाए.
इसे भी पढ़ें –कोडरमा : दो नदियों के मिलन स्थल पर स्थित दोमुहानी धाम में पूरी होती है मनोकामना