Ranchi: गिरिडीह जिले के पचंबा की रहने वाली 45 वर्षीय उषा देवी ब्लैक फंगस की चपेट में हैं. 17 मई को उषा को इलाज के लिए रिम्स लाया गया. लेकिन इलाज शुरू होने में दो दिन लग गए. वहीं इलाज में लापरवाही के कारण एक आंख में संक्रमण पूरी तरह से फैल चुका है. जबकि इंफेक्शन ब्रेन में पहुंच गया है. मां की खराब स्थित को देखकर आज उषा के बच्चे गौरव और बेटी पूजा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इलाज की गुहार लगा रहे हैं. दोनों ने सीएम आवास जा कर अपनी मां को बचाने का सरकार से आग्रह किया.
रिम्स के डॉ सीके बिरुआ पर लगाया इलाज में लापरवाही का आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपे गए पत्र में लिखा है कि रिम्स की डॉ सीके बिरुआ और डॉ विनोद सिंह ने इलाज में लापरवाही की है. जिस कारण मेरी मां की स्थिति गंभीर हो गई है. उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया है कि बेहतर इलाज के लिए मेरी मां को केरल या अहमदाबाद भेजा जाये. इसके लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था राज्य सरकार करे. यदि ऐसा नहीं होता है तो हम सभी लोग (दो भाई-एक बहन) रिम्स में फांसी लगा कर अपनी जान दे देंगे.
इसे भी पढ़ें-तेज बारिश और थंडरिंग से शहर के कई इलाकों में कटी रही बिजली, बंद रखा गया स्विच
मदद के नाम पर 50 हजार देने की कही गई बात
ब्लैक फंगस पीड़ित महिला उषा के बेटे गौरव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के अधिकारी ने कहा है कि इलाज के लिए 50 हजार से एक लाख तक कि मदद की जाएगी. जबकि एयर एंबुलेंस देने के सवाल पर कहा गया कि सरकार के फंड में राशि नहीं है. जिस कारण इसकी व्यवस्था नहीं की जा सकती है.
आरजू-मिन्नत करने के बाद मुख्यमंत्री आवास में जाने की मिली अनुमति
गौरव ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों से आरजू मिन्नत करने के बाद अंदर जाने की अनुमति मिली. बहुत ही उम्मीदों के साथ सीएम हेमंत सोरेन के आवास पहुंचे हैं. ताकि मेरी मां की जान बचाई जा सके.
ब्लैक फंगस को राज्य सरकार ने महामारी घोषित किया है
गौरतलब है कि झारखंड में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया गया है. ऐसे में इस बीमारी से संक्रमित मरीजों के इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी है.
इसे भी पढ़ें-कुदरत का कहरः वज्रपात से एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत