Deepak Ambastha
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह इलाके में आतंकी हमले में नौ चीनी इंजीनियरों की मौत पाकिस्तान के गले की फांस बन गया है .इस घटना से नाराज चीन लगातार पाकिस्तान को झटके दे रहा है.
चीन इस बात से आग बबूला है कि पाकिस्तान अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए आतंकवादी घटना को बस में आई यांत्रिकी गड़बड़ी बता रहा है.ध्यान रहे कि चीनी इंजीनियरों को ले जा रही बस को विस्फोट से उठा दिया गया था, पाकिस्तानी अधिकारियों ने पहले बताया था कि यह आतंकवादी हमला है, लेकिन फिर इसका अंजाम समझते हुए अपनी बात से पलट गए. पाकिस्तान की इस हरकत से चीन नाराज है.चीन ने इस घटना के विरोध में शनिवार को चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की महत्वपूर्ण बैठक न केवल बगैर कोई कारण बताए रद्द कर दी है बल्कि यह बैठक अब कब होगी यह तारीख बताने से भी इंकार कर दिया है.
चीन ने पाकिस्तानी दलील को दरकिनार करते हुए कहा है कि उसकी अपनी टीम आतंकी घटना की जांच करने पाकिस्तान जाएगी, यदि ऐसा होता है और बगैर पाकिस्तानी सहमति के चीनी जांच दल पहुंच गया तो पाक की भद्द पिटनी तय है. चीन की यह घोषणा पाकिस्तान की प्रभुसत्ता को खुली चुनौती होगी, पाकिस्तान जिस तरह चीन की गोद में बैठा है तो उसे यह दिन भी देखना पड़ सकता है.
चीन के लिए जरूरी हो गया है कि वह उनके लोगों को यह संदेश दे जो पाकिस्तान में चीनी परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं कि उनकी सुरक्षा में उनका देश कोई कमी नहीं रखेगा. चीन की समस्या है कि पाकिस्तान में जा कर स्वेच्छा से कोई चीनी नागरिक काम करने को तैयार नहीं है, अपने लोगों को पाकिस्तान भेजने के लिए चीन को साम दाम दण्ड भेद की नीति अपनानी पड़ती है, क्योंकि आम पाकिस्तानी चीनियों को नापसंद करते हैं और चीनी भी पाकिस्तानियों से दूरी चाहते हैं.
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अपने लोगों का विश्वास जीतने के लिए चीन ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान के उन इलाकों पर मिसाइल हमले करेगा जहां से आतंकी चीनी कामगारों को निशाना बनाते हैं. चीन ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह ख़ैबर पख्तूनख्वाह हमले में शामिल आतंकियों को खोज निकाले अन्यथा चीन खुद उन्हें खोज कर सजा देगा.
चीन का रुख पाक की परेशानी
चीन का रुख पाकिस्तान को परेशान करने वाला है. दुनिया देख रही है कि जिन देशों ने चीन का भरोसा किया है उनकी क्या दुर्गति हुई है. इसमें मुख्य रूप से अफ्रीकी देश हैं जो चीन के क़र्ज़ जाल की रणनीति में पिस रहे हैं.चीन पाकिस्तान के माध्यम से भारत और अफगानिस्तान पर दबाव बनाने की रणनीति पर चल रहा है. उसे अपनी महत्वाकांक्षी योजना वन रोड़ वन बेल्ट की सफलता सुनिश्चित करनी है. पाकिस्तान चीन की मजबूरी से अवगत है इसलिए मनमानी की कोशिश करता नजर आता है, लेकिन जिनशिंग पिंग के चीनी प्रमुख बनने के बाद से चीनी आक्रमकता से दुनिया हैरान परेशान है, पाकिस्तान यदि चीनी धमकी को हल्के में लेता है तो यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि चीन पाकिस्तान की नकेल कैसे कसता है.
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि इस आतंकी घटना को लेकर चीन की स्पेशल फोर्स पाकिस्तान में कार्रवाई कर सकती है. शिजिन हालांकि कि कह रहे हैं कि इसके लिए पाकिस्तान की सहमति ली जाएगी लेकिन जानकारों का मानना है कि चीन शाय़द ही पाकिस्तानी इजाजत का इंतजार करे अगर चीन मनमानी पर उतरा तो फिर पाक के पास हथियार डालने और मंजूरी देने के अलावा कोई चारा भी नहीं है.
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