LagatarDesk : दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के कारण खाने-पीने का सामान महंगा होता जा रहा है. बदलते मौसम से दुनिया भर में फसलें खराब हो रही हैं. इससे भविष्य में खाद्य महंगाई में और अधिक बढ़ोतरी हो सकती है. यह जानकारी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सामने आयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य पदार्थों के महंगे होने से 2021-22 में FMCG कंपनियों की कमाई दोगुनी होने का अनुमान है. बता दें कि दुनियाभर में भूख बढ़ रही है और फूड महंगा हो रहा है.
लगातार 12 महीने से बढ़ रहा है खाद्य मूल्य सूचकांक
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन का खाद्य मूल्य सूचकांक 12 महीनों से लगातार बढ़ रहा है. हालांकि जून में यह घटकर 124.6 पर आ गया है. इसके बावजूद पिछले साल के मुकाबले यह 34 फीसदी अधिक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बदलते मौसम ने दुनियाभर में फसलों को बर्बाद किया है. चीन में खेतों में पानी भर गया है. अमेरिका और कनाडा में गर्मी और सूखे से फसल बर्बाद हो गयी. वहीं यूरोप में भारी बारिश की वजह से खेतों में पड़े अनाजों में फंगल रोगों का खतरा पैदा हो गया है.
इसे भी पढ़े : सोनिया गांधी और ममता बनर्जी की मुलाकात आज, मानसून सत्र सहित 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी को मात देने पर होगा मंथन
17 फीसदी बढ़े कॉफी के दाम
ब्राजील कॉफी उत्पादन के लिए दुनियाभर में मशहूर है. जलवायु परिवर्तन के कारण ब्राजील के प्रमुख अरेबिका-कॉफी क्षेत्र में जोरदार ठंड पड़ रही है. जिससे नयी फसलें बर्बाद होने की आशंका है. यही वजह है कि इस हफ्ते कॉफी की कीमतों में 17 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो गयी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इस ठंड से किसानों को काफी नुकसान हो सकता है. साथ ही कई साल तक उत्पादन भी प्रभावित हो सकता है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि आने वाले समय में जलवायु परिवर्तन के खराब नतीजों का असर और भयानक दिखाई पड़ सकता है.
FMCG सेक्टर की कमाई दोगुनी होने का अनुमान
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का अनुमान है कि पिछले साल की तुलना में इस साल देश की FMCG सेक्टर की कमाई दोगुनी होगी. वित्त वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 10-12 फीसदी रहने का अनुमान है. यह वृद्धि पिछले तीन वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा होगी. एजेंसी ने मंगलवार को कहा कि मूल्य आधारित वृद्धि और 2020-21 के कम आधार की वजह से कमाई में इजाफा होगा. क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा कि कच्चे माल की महंगाई से निपटने के लिए कंपनियों ने पिछले छह महीने में 4-5 फीसदी कीमतें बढ़ाई हैं.
इसे भी पढ़े : लाल निशान पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 234 अंक टूटा, निफ्टी भी 15,676 के स्तर पर
गरीब देशों को सबसे ज्यादा लग रहा झटका
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में पर्याप्त भोजन का उत्पादन करना कठिन होगा. इसमें सबसे गरीब देशों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के बुरे नतीजों का असर आने वाले समय में और भयानक हो सकता है.
इसे भी पढ़े : IMF ने 3 फीसदी घटाया ग्रोथ रेट अनुमान, वित्त वर्ष 2021-22 में 9.5 फीसदी रहेगी जीडीपी