Ranchi: राजधानी रांची में ठंड ने जहां एक ओर लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर कर दिया है. तो वहीं दूसरी ओर रोजगार की मार और जिम्मेदारियों ने कई ग्रामीणों को इस ठिठुरती ठंड में रोजी-रोटी के लिये जूझने को विवश कर दिया है.
इसे भी पढ़ें:पलामू : विकास मेले का बीजेपी के सांसद और विधायक ने किया विरोध
कई इलाकों से आते है ग्रामीण
रांची के मेन रोड और डोरंडा जैसे कई इलाके है, जहां कुहासे भरी ठंड में सूरज उगने से पहले ही पत्तों का बाजार सज जाता है. मेन रोड में लगनेवाले इस बाजार में कई प्रकार के पत्तों की बिक्री होती है. सखुआ, गूलर और कटहल जैसे वृक्षों के पत्ते 10 से 20 रुपये किलो बिकते हैं. बाजार में टाटीसिल्वे, नामकुम, सिल्ली, ओरमांझी, चुटिया जैसे ग्रामीण इलाकों से महिलाएं इन पत्तों को लेकर रांची के बाजारों में पहुंचती हैं. ये महिलाएं सखुआ (साल) के पत्तों से पत्तल (प्लेट्स) और दोना (कटोरी) बनाती हैं. इन पत्तों और पत्तलों-दोने की डिमांड पशुपालकों, ठेलेवालों या छोटे-मोटे होटल संचालकों में ज्यादा होती है.
इसे भी पढ़ें:साल 2020, लॉकडाउन ने बिगाड़ी अर्थव्यवस्था की चाल, आपदा में आईटी और फार्मा को छोड़ सभी रहे बेहाल
कमाई से ज्यादा होता है खर्च
नामकुम के एक छोटे गांव से आयी खुशबू बताती है कि वह सुबह 4 बजे ही अपने परिवार की महिलाओं संग मेन रोड के लिए निकल जाती है. घर में बच्चे-बड़े सभी आस-पास के जंगलों में पत्ते जमा करने जाते हैं. फिर अगले दिन वह रांची में पत्ते बेचने निकल पड़ती हैं. चुटिया में रहने वाली सुमन देवी ने बताया कि इतनी मेहनत के बावजूद लगभग 300 से 400 तक की कमाई हो पाती है. इसमें भी ऑटो के किराये में पैसे खर्च हो जाते है. इतनी कम आमदनी में 6 लोगों का परिवार चलाना बेहद मुश्किल हो जाता है. वे बताती हैं कि उनके लिए त्योहारों और खासकर पूजा का समय अच्छा होता है, ऐसे समय में लोग पत्तल और दोना ज्यादा खरीदते हैं.
दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर
नामकुम से पत्ते बेचने आई अम्मा बताती हैं कि घर में 8 सदस्यों की जिम्मेदारी के कारण वह रोज रांची आती हैं. कोरोना और लॉकडाउन के कारण घर में परिस्थिति पहले से और भी खराब हो चुकी है. अब कोरोना के डर के कारण ग्राहक भी कम हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि “सरकार हम जैसे गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रही है. हम लोग किसी तरह दो वक्त की रोटी कमाने के लिए रोज घरों से अहले सुबह निकल रहे हैं.”
इसे भी पढ़ें:तेलूगू एक्टर राम चरण हुए कोरोना के शिकार