Bokaro: बोकारो स्टील प्लांट लगाने के दौरान की गई भूमि अधिग्रहण से विस्थापित हुए लोगों ने फिर आंदोलन शुरू कर दिया है. पुनर्वास की मांग को लेकर कैंप टू स्थित डीपीएलआर ऑफिस के सामने विस्थापित आमरण अनशन पर बैठ गये. आंदोलनकारियों ने सरकार की नीतियों का विरोध किया. प्रशासन ने विस्थापितों को वहां से हटाने की कोशिश की. प्रशासन का कहना है कि इसके लिए परमिशन नहीं ली गई है. मजिस्ट्रेट और सिटी पुलिस ने विस्थापित परिजनों को वहां से हटाने का प्रयास किया .
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अधिकारी नहीं सुन रहे उनकी समस्या-विस्थापित
विस्थापित के परिजन विक्रम कुशवाहा ने कहा कि हम 5 वर्षों से अपनी मांगों को लेकर जिले के सभी दफ्तरों का चक्कर काटते रहे, लेकिन आज तक किसी अधिकारियों ने हमारे समस्या का समाधान नहीं किया. हमारे परिजनों ने सेल के लिए जमीन तो दे दिया लेकिन आज तक विस्थापितों को पुनर्वास की व्यवस्था नहीं कराई गई. उन्होंने कहा कि 4:45 एकड़ जमीन पर अवैध रूप से लोग कब्जा जमाए हुए हैं जो जमीन पुनर्वास के लिए था. लेकिन विभाग और जिला प्रशासन ने आज तक अवैध अतिक्रमणकरियो से जमीन को मुक्त नहीं कराया.
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दर-दर की ठोकरें खा रहे विस्थापित
विस्तापितों ने कहा कि विस्थापित सबसे कमजोर हैं. उनके परिजनों ने जमीन दे दी लेकिन आज खुद 10 डिसमिल जमीन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जमीन का खेल डीपीएल कार्यालय से होता है. उन्होंने कहा की चंद पैसों की खातिर पुनर्वास के जो असली हकदार हैं उन्हें आज तक पुनर्वासित नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में हमारे सामने रहने और खाने का संकट उत्पन्न हो गया. विस्थापितों ने चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन उनकी मांगों पर अमल नहीं करता है तो बाध्य होकर वे लोग आत्मदाह करने को बाध्य होंगे.
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