रिमांड और जमानत न्यायशास्त्र पर क्षेत्रीय सम्मेलन में न्यायाधीशों व अधिकारियों ने लिया भाग
Bokaro : न्यायिक अकादमी झारखंड के सहयोग से बोकारो जजशिप व जिला प्रशासन की ओर से बोकारो स्टील सिटी के एचआरडी ऑडिटोरियम में 6 अगस्त रविवार को रिमांड और जमानत न्यायशास्त्र के प्रमुख मुद्दे विषय पर क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने बेल इज रूल, जेल इज एक्सेप्शन पर अपनी बातों को रखा. उन्होंने धारा 41 एवं 41 ए के तहत पुलिस द्वारा मुजरिमों को गिरफ्तार करने के दौरान पुलिस के कर्तव्य एवं जिम्मेदारियों को विस्तार से बताया और इस पर अमल करने की सलाह दी. साथ ही, उच्चतम न्यायालय के जजमेन्ट सतेन्द्र कुमार बनाम सीबीआई 2023 व अरनेस कुमार बनाम बिहार सरकार में दिए दिये गये दिशा- र्देश पर चर्चा की.
विशिष्ट अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सह प्रमुख न्यायिक अकादमी के संरक्षक संजय कुमार मिश्रा ने वादों के निष्पादन से संबंधित अपने अनुभवों को साझा किया. इंटरेक्शन सेशन में पुलिस पदाधिकारियों, पब्लिक प्रोसिक्यूटर आदि के कई वादों पर कानून सम्मत प्रकाश डाला. झारखंड उच्च न्यायालय की न्यायाधीश आनंदा सेन ने जमानत व अपराधिक जमानत से संबंधित नए पहलुओं के संबंध में चर्चा की. वहीं सीआइडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने डिजिटल साक्ष्य कैसे प्राप्त करें और उसे न्यायालय में कैसे प्रस्तुत करें के बारे में जानकारी दी. सम्मेलन में झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस एस चन्द्रशेखर, जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस आर मुखोपाध्याय, जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, जस्टिस राजेश शंकर, जस्टिस दीपक रौशन, जस्टिस संजय प्रसाद, बोकारो के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमारी रंजना अस्थाना, डीसी कुलदीप चौधरी, एसपी प्रियदर्शी आलोक, डीडीसी कीर्तीश्री जी समेत राज्य के विभिन्न जिलों के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायिक व पुलिस पदाधिकारी और अधिवक्ता उपस्थित थे.
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