जैन महिला मंडल की संगोष्ठी में सफलता के 5 नियमों पर चर्चा
Bokaro : जैन महिला मंडल की ओर से 10 अगस्त को सेक्टर-2 स्थित मैदान में द पावर ऑफ रेसिलियंस विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इसमें वक्ताओं ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी डटकर मुकाबला करने की सीख दी. कहा कि व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख, लाभ-हानि, प्रशंसा-निंदा, शोक-हर्ष आते रहता है. ऐसे में हमें अपने अंदर समता की चेतना को जागृत करते रहना चाहिए. तभी सभी कार्यों को सफलतापूर्वक कर पाएंगे. इसके लिए पांच नियमों का पालन करें. नकारात्मकता से दूर रहें. आराम के लिए समय निकालें. प्रकृति, रुचि व स्वास्थ्य संबंधित कुछ तरीकों को अपना कर हम रेसिलियंस को अपने जीवन में बनाए रख सकते हैं.
पहला तरीका नकारात्मकता पर विनीता बैद ने विस्तार से चर्चा की. कहा व्यक्ति कि सकारात्मक सोच उसे समस्या से समाधान तक ले जाती है. नकारात्मक सोच उसे समाधान से समस्या की ओर ले जाती है. चाहे हम कितने भी कार्य सफलतापूर्वक कर लें, लेकिन हमारी सोच अगर नेगेटिव है तो सब काम उल्टे हो जाएंगे. इसलिए नकारात्मकता से दूर रहें. प्रीति लोढ़ा ने कहा df जीवन में हमें अपने आपको ऊर्जावान बनाने के लिए आराम की सख्त जरूरत है. दिव्या बैद ने कहा हमें अपने हॉबीज को विकसित करते रहना चाहिए. अगर हम इन्हें समय देंगे. तो हमें प्रसन्नता मिलेगी. सोनू पारख और स्नेहा लोढ़ा ने रेसिलियंस को बनाए रखने के लिए इसे एक महत्वपूर्ण घटक बताया. हर्षा चौरडिया ने सामाजिक नेटवर्क पर प्रकाश डालते हुए कहा किसी न किसी रूप में लोगों से जुड़े रहना चाहिए. धार्मिक आयोजन, सत्संग, संस्था समेत अन्य माध्यमों से हम एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं. जो हमें अकेलापन के एहसास से दूर रखता है. इससे नई ऊर्जा मिलती है और समस्याओं का समाधान भी होता है. किरण लोढ़ा, नीलम बैद, सुशील बैद व आदित्य चौरडिया ने भजनों की प्रस्तुति से समा बांधा. क्विज कंपीटिशन में भी समाज की महिलाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन महिला मंडल की सचिव आरती पारिख ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अध्यक्ष कनक जैन ने किया.
यह भी पढ़ें : बोकारो : संयुक्त ट्रेड यूनियन मोर्चा ने रैली निकाल मांगा मजदूरों का हक