Dinesh Kumar Pandey
Bokaro: मुखिया चाह ले तो अपने इलाके को बेहतर बना सकता है. बदलाव कर सकता है. जिले में ऐसा पंचायत है बुंडू. यहां के मुखिया सीसीटीवी कैमरे से इलाके की निगरानी करते हैं. कुछ ऐसा काम हुआ है बुंडू पंचायत में जिससे इसकी अलग पहचान बनी है. इसे ‘स्मार्ट पंचायत’ का दर्जा भी मिला है. दोनों चुनावों (2010, 2015) में अजय सिंह इस पंचायत के मुखिया बने और पंचायत को विकास के मामले में नई ऊंचाई और पहचान दिलायी.
उल्लेखनीय कार्यों की बदौलत इस पंचायत को राष्ट्रीय व राज्यस्तर पर कई अवार्ड मिल चुके हैं. इस पंचायत ने अब एक और उपलब्धि हासिल की है. पंचायत की निगरानी के लिए 39 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने से लेकर अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. राज्य में संभवतः यह एकमात्र ऐसी पंचायत है, जहां इतने सारे सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
कैमरे से निगरानी
पंचायत में गागी हाट में 32 व बालिका मध्य विद्यालय में 7 कैमरे लगे हैं. उसके अलावा और 40 कैमरे लगाने का काम चल रहा है. राज्य में लगभग चार हजार पंचायत है. इनमें से मात्र बुंडू पंचायत ने पंचायती राज्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कारों में नौवां स्थान प्राप्त किया है. चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत का दर्जा मिला
पंचायती राज्य मंत्रालय की ओर से बुंडू पंचायत को इस बार चाइल्ड फ्रेंडली पंचायत का दर्जा दिया गया है. इसके पहले साल 2017 में इस पंचायत को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण सम्मान मिला था. पंचायत में संस्थागत प्रसव पर काफी बल दिया जाता है. इसके लिये आंगनबाड़ी बहनों से लेकर एएनएम तक की मॉनिटरिंग मुखिया खुद करते हैं. पंचायत में जन्म लेने वाले बच्चों का अलग से जन्म और मृत्यु के आंकड़े तैयार किये जाते है.
ड्रॉप आउट रेट जीरो
बच्चों को शत प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्रों व स्कूलों में भेजने पर काफी बल दिया जाता है. पंचायत में कोई भी बच्चा ड्रॉप आउट नहीं करता है. यहां बाल विवाह और बाल तस्करी जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी लोगों को जागरूक किया जाता है.
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पंचायत को जीरो ड्राप आउट, 100 फीसदी टीकाकरण, 100 फीसदी विद्युतीकरण, 98 फीसदी शौचालययुक्त घर, बाल विवाह से मुक्त तथा 100 फीसदी सुरक्षित व संस्थागत प्रसवयुक्त बनाया गया है. इसके साथ ही अनाज बैंक, साबुन बैंक और पैड बैंक की स्थापना की गयी है. कृषि में भी पंचायत आत्मनिर्भर व जल-पर्यावरण संरक्षण में भी अग्रणी है.
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कई पुरस्कार मिले
इस पंचायत में डेली मार्केट विकसित किया गया है. इन उपलब्धियों के कारण पंचायत को 2017 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत 8 लाख रूपए की राशि व प्रशस्ति पत्र मिला था. 2017 में ही स्मार्ट विलेज राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम आने पर एक करोड़ रूपए का अवार्ड मिला था.
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इसके अलावा पंचायत को प्रशस्ति पत्र, राज्य क्विज प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार, 2018-19 में बच्चों व महिलाओं के हित में बेहतर कार्य करने पर बाल मैत्री राष्ट्रीय पुरस्कार के तहत पांच लाख रूपए, प्रशस्ति पत्र व मोमेंटो मिला था. पंचायत को जिलास्तरीय 6 पुरस्कार मिल चुका है. साथ ही अब तक 1 करोड़ 13 लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी मिल चुकी है.
मुखिया अजय सिंह ने कहा कि 39 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. पूरे इलाके की निगरानी पंचायत भवन से खुद करता हूं. इसके अलावा और 40 कैमरे लगाये जायेंगे. इसकी तैयारी की जा रही है.
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