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Bokaro Thermal : डीवीसी बोकारो ताप विधुत केंद्र के मुख्य द्वार के समीप आठ सूत्री मांगों को लेकर भाकपा (माले) और विस्थापित एवं स्थानीय संघर्ष समिति की अगुवाई में 30 विस्थापितों का अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल के शुक्रवार 14 अप्रैल को दूसरे दिन भी ज़ारी रहा. 41 डिग्री तापमान में भूख हड़ताल पर बैठे मजदूरों की प्रबंधन ने सुधि नहीं ली. जिससे आंक्रोशित मजदूरों ने घंटों तक डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
माले नेता बालगोविंद मंडल ने कहा कि सासंद स्व. विनोद विहारी महतो व डीवीसी प्रबंधन के बीच हुए समझौते को लागू कर विस्थापितों को रोजगार दिया जाए. 1950 में पुनर्वासित रैयतों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाए. कहा कि विस्थापित गांवों में पानी-बिजली सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में प्रबंधन पिछड़ गया है.
दूसरी तरफ़ बाहरी मजदूरों को कुशल मजदूर बताकर की जा रही बहाली को बंद करनी चाहिए. झारखंड सरकार द्वारा निर्धारित सर्कूलर को लागू करते हुए 75 प्रतिशत विस्थापितों व स्थानीय को रोजगार देने पर प्रबंधन का रवैया उदासीन बना हुआ है.
विस्थापित नेता बालेश्वर यादव ने कहा कि जमीन देकर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खाना विस्थापितों व रैयतों की नियति बन गई है. रोजगार के लिए विस्थापित व रैयत भूख हड़ताल पर बैंठे है और डीवीसी के किसी भी अधिकारी ने सुधि लेना मुनासिब नही समझा.
भूख हड़ताल आंदोलन में मंटू यादव, मुबारक अंसारी, दाउद असलम, बबली अंसारी, मुंदरिका राम, भोला यादव, वाजीद हुसैन, रंधीर यादव, सुरेंद्र घांसी, तिलक महतो, रवि तुरी, छत्रधारी गोप, भोला यादव, कुलेश्वर यादव, बबली अंसारी, मुबारक अंसारी, मिथिलेश रजवार, मंटू यादव, शैलेश पटवा, बंसत यादव, संजीत कुमार सिंह, तिलकधारी महतो, सुनील साव, कृष्णा कुमार, प्रेम कुमार, विशेश्वर राम, नूर मोहम्मद, उमाशंकर, गुलाब यादव, अख्तर हुसैन, आकाश यादव, हरीश यादव, इनाम अंसारी, नेमचंद महतो, मजरूद्दीन अंसारी शामिल है.
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