Bokaro: झारखंड अभिभावक महासंघ, बोकारो की साप्ताहिक बैठक रविवार को सेक्टर 9/C क्लब, पटेल चौक में संपन्न हुई. इस बैठक के माध्यम से अभिभावक महासंघ के लिए सदस्यता अभियान भी चलाया गया. जिसकी अध्यक्षता झारखंड अभिभावक महासंघ के जिला अध्यक्ष नीरज पटेल ने की. इसमें मुख्य रूप से महासंघ के जिला संरक्षक राकेश मधु उपस्थित हुए. जिलाध्यक्ष नीरज पटेल ने सेक्टर 9 में सदस्यता अभियान की शुरुआत की. जहां सैकड़ों अभिभावकों ने झारखंड अभिभावक महासंघ की सदस्यता ग्रहण की. साथ ही सभी अभिभावकों ने एक स्वर में कहा कि ऑनलाइन क्लास और फिजिकल क्लास की फीस एक नहीं हो सकती. इसलिए ऑनलाइन क्लास की फीस तय की जाए. इतना ही नहीं जिन निजी विद्यालयों ने सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है उन सभी निजी विद्यालयों के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए.
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अभिभावक महासंघ की चेतावनी
झारखंड अभिभावक महासंघ, बोकारो ने विद्यालयों के नए सत्र पर भी बैठक में चर्चा की गई. और जानकारी देते हुये अभिभावक संघ ने निजी विद्यालय को चेतावनी देते हुए कहा जल्द नया सत्र शुरू होनेवाला है. जिसमें निजी विद्यालय एडमिशन चार्ज लेना बंद करें. साथ ही कहा कि राज्य सरकार ने निजी विद्यालयों को कोरोना काल में फी के संबंध में जो दिशानिर्देश जारी किया है. जिसमें सिर्फ ट्यूशन फी लेना है, लेकिन इसके विपरीत कुछ निजी विद्यालय आज भी अभिभावकों से पूरा फी रिएडमिशन चार्ज/डेवलपमेंट चार्ज, कंप्यूटर चार्ज, स्मार्ट क्लास, लाइब्रेरी चार्ज और भी कई तरह के चार्ज अवैध रूप से अभिभावकों से लिया जा रहा है.
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स्कूल अभिभावकों पर बना रहे दबाव
बार-बार झारखंड अभिभावक महासंघ तथा अभिभावकों की ओर से जिला प्रशासन, उपायुक्त बोकारो, जिला शिक्षा पदाधिकारी हर जगह अभिभावक चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन उपायुक्त और जिला शिक्षा पदाधिकारी कुंभकरणी नींद में सोए हुए हैं. जबकि 2 महीने पहले बोकारो उपायुक्त ने सख्त निर्देश निजी विद्यालय को दिया था कि जो निजी विद्यालय सरकार की गाइडलाइन को नहीं मानेगा, उस स्कूल का एनओसी रद्द किया जाएगा, साथ ही स्कूल के बैंक अकाउंट को भी फ्रिज किया जाएगा. इसके बावजूद बोकारो के निजी विद्यालय लगातार अभिभावकों के ऊपर मानसिक दबाव बना रहे हैं.
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दिशा-निर्देश नहीं मानने पर कार्रवाई
वहीं झारखंड अभिभावक महासंघ बोकारो जिला सरंक्षक राकेश मधु ने बताया कि वर्ष 2009 में झारखंड एजुकेशन ट्रिब्यूनल के न्यायालय ने भी मुद्दे के केस में बोकारो के 18 निजी विद्यालयों के आय व्यय खर्च का ऑडिट किया गया था. उस केस में माननीय न्यायालय ने अपने आदेश में यह कहा था कि निजी विद्यालय स्कूली शिक्षा को पूर्ण रूप से व्यवसायीकरण कर दिया है. जिन निजी विद्यालयों ने एजुकेशन ट्रिब्यूनल एवं सरकार के आदेश का उल्लंघन किया है, उनपर कानूनी कार्रवाई की जाए. बैठक में शामिल झारखंड अभिभावक महासंघ, बोकारो के उपाध्यक्ष अमित कुमार, परमानंद सिंह, पवन कुमार, जियाउल हक, सचिव सुनील कुमार, मीडिया प्रभारी दीपक कुमार पाठक, राजीव बासु, उमाशंकर सिंह, चंद्रदेव सिंह, सुषमा देवी, गीता मुंडू, प्रभा देवी,सुमन कुमार सनम,मिंटू ठाकुर, जितेंद्र साव मुख्य रूप से उपस्थित रहे.
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