NewDelhi : जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला दिया है. जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच जजों की बेंच ने सरकार के अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को सही करार दिया और इसे बरकरार रखने का फैसला लिया. कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द बहाल करने का आदेश दिया. पांच जजों की बेंच ने जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को भी सही बताया.
अनुच्छेद 370 मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के संघ के साथ संवैधानिक एकीकरण के लिए था और यह विघटन के लिए नहीं था, और राष्ट्रपति घोषणा कर सकते हैं कि अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त हो गया है।” pic.twitter.com/JGgCwzjKrT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2023
सीजेआई ने अनुच्छेद 370 को लेकर महत्वपूर्ण बातें कही
- जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं. इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है.
- अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त होने की अधिसूचना जारी करने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है.
- अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए था ना की विघटन के लिए. राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 370 का अस्तित्व समाप्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध है.
- सीजेआई ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संविधान में संप्रभुता का कोई जिक्र नहीं था. हालांकि भारत के संविधान की प्रस्तावना में इसका उल्लेख मिलता है. भारतीय संविधान आने पर अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ.
4 साल 4 माह और 6 दिन बाद अनुच्छेद 370 पर आया फैसला
गौरतलब है कि संसद ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को खत्म कर दिया था. साथ ही राज्य को दो भागों में बांट दिया था और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. संसद के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिका दाखिल की गयी थीं. 23 याचिकाओं पर सर्वोच्च अदालत में 16 दिन की सुनवाई के बाद 5 सितंबर को बहस पूरी हुई थी. कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. करीब तीन माह बाद सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच अपना फैसला सुना दिया. बता दें कि बेंच में जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.