Ranchi : हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रार्थी पर एक लाख का जुर्माना लगाया है. साथ ही अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि जनहित याचिका दायर करने वाले ने अपनी विश्वसनीयता छिपायी, ये सही नहीं है और यह जनहित याचिका का दुरूपयोग है. दरअसल वन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी कामेश्वर प्रसाद ने अधिवक्ता राजीव कुमार के माध्यम से हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की थी.
जनहित याचिका में कहा गया था कि झारखंड के कई इलाकों में पौधा रोपण किए बिना सरकारी पैसों की निकासी कर ली गई है. जनहित याचिका पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दी. साथ ही कोर्ट ने प्रार्थी पर एक लाख का जुर्माना लगाया है. इस केस के प्रतिवादी रांची रेंज के फॉरेस्टर राकेश कुमार के लिए अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखा. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने पक्ष रखा. उन्होंने अपनी बहस में बताया कि जिस व्यक्ति ने याचिका दाखिल की है, वह खुद भ्रष्टाचार के मामले में जेल जा चुका है.
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