Ranchi : लगभग दो साल से कोरोना महामारी की वजह से अर्थव्यवस्था पर में विपरित असर डाला. अब महामारी के अलग-अलग वेरिएंट सामने आ रहे हैं. इस दौर में सबसे ज्यादा चुनौतिपूर्ण समय सर्विस सेक्टर के लिए है. जिसमें होटल रेस्तरां, सिनेमा, टूर ट्रेवल, फूडिंग, लॉजिंग आदि शामिल है. राज्य के व्यवसायी समूह की मानें तो इस सेक्टर को वापस अपनी स्थिति में आने में लगभग एक साल का समय लगेगा.
वो भी अगर सरकार समय पर छूट देती है तो, नहीं तो समय और लंबा हो सकता है. व्यवसायियों की मानें तो राज्य में इस सेक्टर से जुड़े कारोबार मानों वेंटिलेटर में है. पिछले साल व्यापार लगभग छह सात महीने बंद रहा. जब ये खुलें तो लोगों की भीड़ कम थी. वहीं इस साल होटल रेस्तरां और बैंक्वेट हॉलों में जो बुकिंग हुई, वो भी लंबे समय तक के लिए टाले गये हैं. ऐसे में आंकलन है कि इन व्यवसायों को वापस अपनी स्थिति में आने में लंबा समय लगेगा.
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पांच से छह लाख रोजगार
इन व्यवसायियों की मानें तो इन सेक्टरों को कम से कम पांच से छह लाख लोगों को सीधे रोजगार प्राप्त है. इन कारोबारों की स्थिति खराब होने से, इनके रोजगार पर भी संकट है. इसमें लगभग चार लाख होटल, रेस्तरां और बैंक्वेट से रोजगार प्राप्त है. जबकि सिनेमा, टूर ट्रैवलिंग आदि को जोड़ दें तो सीधे तौर पर पांच से छह लाख होंगे. हालंकि आंकड़े इससे अधिक हो सकते हैं.
जून से अक्टूबर तक बंद रहता है व्यापार
द मैफेर्य धुर्वा के संचालक नवजोत अलंग ने बताया कि स्थिति काफी चिंताजनक है. होटल, रेस्तरां और टूर ट्रैवल आमूमन जून से अक्टूबर तक बंद रहते हैं. एक तो बारिश का मौसम की वजह से लग्न का सीजन भी नहीं रहता. अब लोग बाहर आने जाने से कतरा रहे हैं. पिछले साल जो भी स्थिति सामान्य हुई. इस साल की महामारी ने स्थिति को और भयावह बना दिया. होटल रेस्तरां और बैंक्वेट से फूल, सब्जी, बैंड बाजार, कैटरिंग सभी जुड़े होते हैं. ऐसे में ये सेक्टर बहुत बड़ा हो जाता है. अलंग ने कहा कि पिछले साल की मार तो व्यवसायी झेल ही रहे थे, इस बार फिर से लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी है. जबकि इन सेक्टरों से करोड़ों का कारोबार होता है.
वर्चुअल मोड को लोग प्राथमिकता दे रहे
चेंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि फेडरेशन की ओर से इन सेक्टरों का आंकलन किया गया. जिसमें पाया गया कि एक साल का समय तो लगना ही है. क्योंकि होटल रेस्तरां और बैंक्वेंट्स को शादी, विवाह और अन्य आयोजनों से लाभ है. कॉरपोरेटों कंपनियों की बैठक या अन्य आयोजन अब वुर्चअल होने लगी है. सिनेमा हॉलों महज दो महीने ढंग से चले भी नहीं और फिर से बंद है. टूर ट्रैवलिंग तो पिछले साल से ही बंद है. इस क्षेत्र में कई तकनीकी विकास हुए है. लोग भी सीमित रहना चाह रहे है. छाबड़ा ने कहा कि पिछले साल अलग-अलग समय में इन व्यवसायों को खोला गया. इस साल फिर से बंदी. वहीं एक्सर्ट्स का कहना है कि सितंबर के आखिरी दिनों में फिर से एक वेब आयेगा. ऐसे में इन व्यवसायों पर आफत आ जायेगी.
क्या करे सरकार
छाबड़ा ने बताया कि सरकार को चाहिए कि सीमित छूट इन सेक्टरों को मिलें. पहले भी ये कोविड निर्देशों का पालन कर रहे थे. अब भी किया जायेगा. ऐसा करने से ये सेक्टर कम से कम बेसिक खर्च, जिसमें मेंटेनेंस, कर्मियों का वेतन आदि निकाल सकते हैं. कम से कम जब स्थिति सामान्य होगी, तब ये बंद भी नहीं होंगे और बेहतर स्थिति भी हो जायेगी. छाबड़ा ने कहा कि जो स्थिति है, ऐसे में अगर सरकार छूट नहीं देती है तो इस सेक्टर के कुछ व्यवसाय बंद हो सकते हैं.
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