NISHANT BHUWANIKA
Ranchi: झारखंड में स्मार्टपुलिसिंग के तहत 24 जिले के अधिकतर थाना को अपग्रेड करने की योजना बनी थी.. इन थानों के लिए आलीशान भवन भी बन गये, और कुछ नये थानों में काम भी शुरु हो गया है. इसी स्मार्ट पुलिसिंग के तहत वर्ष 2013 में लालपुर, गोंदा, जगन्नाथपुर व चुटिया (कोतवाली) में ट्रैफिक थाने बनाने की योजना थी . लेकिन 7 वर्षों के बाद भी ये प्रयास अभी भी अधुरे ही नजर आते हैं. दिवाली जैसे त्योहारों में भी इन थानों का बदहाली को देखकर तो नहीं लगता है कि राजधानी अभी स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ रहा है. लालपुर ट्रैफिक थाना को छोड़कर में बाकी तीन थाना आज भी झोपड़ी में चल रहे हैं. पुरानी पुलिस लाइन (होटल लीलेक के समीप) स्थित थाना को लालपुर ट्रैफिक थाना नाम दिया गया था, नया भवन 2019 में बनाया गया था.
जानें क्या है ट्रैफिक थानों की स्थिति
सरकारी स्कूल में थाना
गोंदा ट्रैफिक थाना कांके रोड के न्यू पुलिस लाइन के पहले स्थित सरकारी स्कूल व सामुदायिक अस्पताल परिसर में चलता है. लोहे का चदरा से घेर कर बनाये जाने वाला पोटाहट के एक कमरे में यह थाना चलता है. उसी में एक तरफ ऑफिस व थाना प्रभारी कक्ष बनाया गया है.
कभी भी गिर सकती है दिवार
जगन्नाथपुर ट्रैफिक थाना, पुराने जगन्नाथपुर थाना के छोटे से भवन में चलता है. इस थाना की स्थिति भी काफी खराब है. थाना प्रभारी कक्ष और ऑफिस है. वह भी जर्जर हालत में है. जर्जर होने के कारण ही वहां नया थाना भवन बनाया गया था. बाद में उसी जर्जर अवस्था में जगन्नाथपुर ट्रैफिक थाना को शिफ्ट कर दिया गया. मरम्मत के बिना उसकी दीवार कभी गिर सकती है.
बरसात में थाना बन जाता है तालाब
चुटिया ट्रैफिक थाना पुराने भवन में सात सालों से चल रहा है. खपरैल होने के कारण इस थाना की हालत जर्जर है. इसमें मात्र दो कमरे में हैं. एक कमरे में थाना प्रभारी बैठते है, जबकि दूसरे कमरे में ऑफिस चलता है. सबसे अधिक परेशानी यहां बरसात में होती है. बारिश के समय में तो यह थाना तालाब बन जाता है. इतना ही नहीं ऑफिस के काम के लिए ढंग का टेबल, कुर्सी भी नहीं है.