New Delhi : लोकसभा की आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा को उनके खिलाफ लगे पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने के आरोपों के संदर्भ में 31 अक्टूबर को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Delhi | Chairman of Parliament Ethics Committee, Vinod Sonkar says, “…Committee heard both the people who were summoned today – the lawyer and Nishikant Dubey. Their evidence were looked into. Looking into the seriousness of it, the Committee decided to summon Mahua… pic.twitter.com/w9oT18rvwJ
— ANI (@ANI) October 26, 2023
#WATCH | BJP MP Nishikant Dubey says, “They were normal questions…All I can say is that all the MPs are concerned…When they call me next I will come…The question is whether the propriety and dignity of Parliament will hold. It is a question of the dignity of Parliament. The… https://t.co/mTLbWh34K5 pic.twitter.com/nrbSxNzzPT
— ANI (@ANI) October 26, 2023
गृह और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों से सहायता मांगेगी समिति
आज गुरुवार को समिति की बैठक के बाद इसके प्रमुख और भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने कहा कि वे TMC सांसद के खिलाफ आरोपों की जांच में गृह और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों से सहायता मांगेंगे. सोनकर ने कहा कि मोइत्रा को 31 अक्टूबर को समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है. जान लें कि समिति ने आज वकील जय अनंत देहाद्रई और भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किये.
निशिकांत दुबे दोपहर के समय समिति के सामने पेश हुए
देहाद्रई आचार समिति के सामने अपना बयान दर्ज कराने वाले पहले व्यक्ति थे, जबकि दुबे दोपहर के समय समिति के सामने पेश हुए. दुबे ने संवाददाताओं से कहा कि समिति उनसे जो भी सवाल पूछेगी, वह उसका जवाब देंगे. जब दुबे से कहा गया कि मोइत्रा ने अपने खिलाफ लगाये गये सभी आरोपों का खंडन किया है, तो उन्होंने कहा, दस्तावेज़ झूठ नहीं बोलते.
लोकसभा में पूछे गये 61प्रश्नों में से 50 अडानी समूह पर केंद्रित थे
भाजपा सांसद दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को 15 अक्टूबर को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 अडानी समूह पर केंद्रित थे. उन्होंने शिकायत में कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं, जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता.
अडानी समूह उन्हें निशाना बनाने के लिए उनके पीछे पड़ा है
हालांकि TMC सांसद मोइत्रा ने आरोपों को ठुकराए हुए पूर्व प्रेमी का झूठ करार देते हुए खारिज कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि अडानी समूह उन्हें निशाना बनाने के लिए उनके पीछे पड़ा है क्योंकि वह समूह से जुड़े लेन-देन पर लगातार सवाल उठा रही हैं. हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया है कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने और उन्हें असहज करने के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा. आरोप है कि हीरानंदानी ने संसद में प्रश्न पूछने के लिए तृणमूल सांसद को पैसे दिये थे. बिरला ने मामले को आचार समिति को भेज दिया था.