Chaibasa (Sukesh Kumar) : कोल्हान भूमि बचाओ समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में आदिवासी की जमीनों पर अवैध कब्जे की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. इसको लेकर संबंधित विभागों के अधिकारी जरा भी गंभीर नहीं दिखते हैं. भुक्तभोगी लिखित शिकायत करते हैं, लेकिन पदाधिकारी ध्यान नहीं देते हैं. नतीजतन शिकायतें लंबित ही रह जाती हैं. सावैयां ने कहा कि सदर अंचल कार्यालय जमीन संबंधी समस्याओं के निपटारे में फिसड्डी तो है ही, साथ ही वहां अब भू-माफियाओं तथा दलालों का उगाही केंद्र बन चुका है. इस कारण अब वहां भुक्तभोगियों की समस्या का समाधान होने की जगह उल्टे उनका आर्थिक शोषण हो रहा है. नतीजा, जमीन दलाल मालामाल हो रहे हैं. जिले में जमीन खरीद-बिक्री में भ्रष्टाचार चरम पर है. सदर अंचल कार्यालय इसका उदाहरण है. वहां जमीन संबंधी कार्य मनमाने ढंग से हो रहे हैं.
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दखल-दिहानी और नामांतरण में भी हो रहा फर्जीवाड़ा
विनोद कुमार सावैयां ने कहा कि भूमि पर दखल-दिहानी के कार्य भी नियमों की धज्जियां उड़ाकर की जा रही हैं. इसके बावजूद जिले के आला अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि उदासीन बने हुए हैं. यदि कोल्हान में आदिवासी जमीन बचानी है, तो सांसद तथा विधायकों को भी आगे आना होगा. गलत को गलत और सही को सही बोलना होगा, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. कहने को तो यहां आदिवासी जमीन की सुरक्षा के लिये छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट सौ साल से लागू है. फिर भी जमीन लूट बदस्तूर जारी है. देखकर-सुनकर हैरानी भी होती है. सावैयां ने कहा कि जिले के आला अधिकारी जमीन संबंधी प्रत्येक शिकायत में एसएआर कोर्ट में जाने की सलाह देते हैं. जबकि, यह बिल्कुल नियम विरुद्ध है. यह कार्यशैली अब परंपरा-सी बन गयी है. यह परंपरा भविष्य में आदिवासी जमीन की सुरक्षा में व्यापक सेंध लगायेगी. इसलिये हमें जमीन को लेकर जागरूक होने की आवश्यकता है.