Chaibasa (Sukesh kumar) : कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग में शुक्रवार को विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना सिन्हा की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ स्टडीज की बैठक संपन्न हुई. इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार चार वर्षीय स्नातक संस्कृत के नए सिलेबस को अंतिम रूप प्रदान करते हुए सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया. मौके पर संस्कृत विषय के बाह्य विशेषज्ञ के रूप में रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ अर्चना कुमारी दूबे उपस्थित थी. स्नातकोत्तर संस्कृत विभाग की प्रोफेसर दांगी सोरेन ने नए सिलेबस को स्मार्ट बोर्ड में डिस्प्ले कर सभी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किया. विषय विशेषज्ञ डॉ दूबे ने नए पाठ्यक्रम की बारीकी से अवलोकन एवं समीक्षा की और कुछ बिंदुओं पर सुधार की आवश्यकता बताई.
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सुझावों के अनुसार पाठ्यक्रम में किया गया सुधार
बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य महिला कॉलेज चाईबासा के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ निवारण महथा ने स्मार्ट बोर्ड में प्रदर्शित पाठ्यक्रम में कुछ वर्तनी संबंधी अशुद्धि की ओर ध्यान आकृष्ट कराया. बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्य व सिंहभूम कॉलेज चांडिल के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ सुनील मुर्मू एवं स्नातकोत्तर संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अर्चना सिन्हा ने बोर्ड ऑफ स्टडीज के सदस्यों के सुझावों के अनुसार पाठ्यक्रम में आवश्यक सुधार किया.
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विश्वविद्यालय को जमा की जाएगी पाठ्यक्रम
सभी सदस्यों के द्वारा पुनः अवलोकन एवं समीक्षोपरांत नए पाठ्यक्रम को अंतिम रूप प्रदान किया गया. संस्कृत विभागाध्यक्ष एवं बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमैन डॉ अर्चना सिन्हा ने कहा कि अब यह पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय को जमा की जाएगी. चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के प्रथम सेमेस्टर में विद्यार्थी छह पत्र पढ़ेंगे. जिसमें तीन कॉमन पेपर, एक इंट्रोडक्टरी पेपर, एक वोकेशनल स्टडीज तथा एक मेजर पेपर का अध्ययन करेंगे.