Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिले को फाइलेरिया से मुक्त बनाने के लिये राष्ट्रीय वैक्टर जनीत रोग नियंत्रण कार्यक्रम द्वारा इस दिशा में पहल की जा रही है. यह पहल है नाईट ब्लड सैम्पल को लेना. इस कार्य को विभागीय कर्मी व प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मी और समाज कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से किया जा रहा है. इसके लिये कुछ प्रखंडों के कुछ गांव को चिन्हित किया गया है. इस अभियान में दिन में गांव के लोगों को गांव सहिया की उपस्थिति में रोग के विभ्स्ता के बारे में जानकारी दी गई, तो वहीं रात्री में ब्लड सैम्पल संग्रह का कार्य किया गया.
इसे भी पढ़े : किरीबुरु : नोवामुंडी में प्रमुख व उप प्रमुख पद के लिये राजनीतिक सक्रियता तेज, चुनाव की अधिसूचना जारी
सोये हुए व्यक्ति का ही लिया गया ब्लड सैम्पल
इस कार्य के लिये जिला के मंझारी, कुंमारडुगी, टोन्टो तांतनगर, झींकपानी, मझगांव व खूंटपानी प्रखंडों में अभियान चलाया गया. इस अभियान में प्रखंड के स्वस्थ्य कर्मी व सहिया ने अपना योगदान दिया. विदित हो कि प्रखंड के चयनित दो गांव में जाकर स्वास्थ्य कर्मियो की टीम ने उनके रक्त को संग्रह किया जो सो गये थे. ऐसा इसलिए क्योंकि फाइलेरिया जीवाणु प्रभावित व्यक्ति के सोये हुए अवस्था में ही प्रभावित होते हैं, जो सैम्पल के लिये जाने के बाद सामने आते हैं. इस क्रम में दोनों चयनित प्रखंडों से 300 ब्लड सैम्पल संग्रह किया गया.
इसे भी पढ़े : चाईबासा : खनिज के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिए जैंतगढ़ में लगाया गया चेकनाका
प्रखंड के सभी कर्मी दे रहे अपना सहयोग
इस कार्य में गांव की सहिया व जल सहिया ने अपनी महती भुमिका निभाई. इस अभियान के दौरान संग्रह कर्ताओं की टीम को किसी प्रकार की समस्या का सामना नही करना पड़ा. इस कार्य की मॉनिटरिंग जिला वीभीडी पदाधिकारी डॉ. संजय कुजूर व जिला फाइलेरिया सलाहकार कर रहे हैं. जिला फाइलेरिया सलाहकार शशिभूषण महतो ने बताया कि इस कार्य में प्रखंड के सभी कर्मी अपना सहयोग दे रहे हैं.
इसे भी पढ़े : चाईबासा : विद्यालयों में कोविड-19 के दूसरे चरण का टीका अभियान शुरू