Chaibasa (Sukesh Kumar) : गांधी जयंती के उपलक्ष्य में सोमवार को वेबिनार का आयोजन महिला कॉलेज चाईबासा में आईक्यूएसी और एनएसएस द्वारा किया गया. डिजिटल दीप प्रज्ज्वलित कर वेबिनार का शुभारंभ किया गया. डॉ. अर्पित सुमन ने स्वागत भाषण दिया. कहा कि 2 अक्टूबर 1969 को महिला कॉलेज की स्थापना हुई थी. इसलिए आज का दिन इस नाते भी हम सब के लिए विशेष है. बीएड सेमेस्टर 2 की छात्रा एंजेल डाडेल द्वारा गांधी जी का प्रिय भजन वैष्णव जन प्रस्तुत किया गया. तत्पचात वेबिनार शुरू हुआ. जिसका मुख्य विषय “गांधी जी और उनका व्यक्तित्व” था. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में सीआरपीएफ कमांडेंट परम शिवम और जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज के प्राध्यापक डॉ. इरशाद खान उपस्थित रहे. कमांडेंट परम शिवम ने गांधी जी के ”स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान और उनके राजनीतिक विचार पर प्रकाश डाला”. इसके अंतर्गत उन्होंने कहा कि गांधी जी का व्यक्तित्व हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने अपमान को संघर्ष में बदलना आना चाहिए.
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इंसान वही है जो दूसरों की पीड़ा समझे
उन्होंने कहा कि जो दूसरों की पीड़ा को समझता है वही असल में इंसान है. वहीं दूसरे मुख्य वक्ता प्राध्यापक डॉ. इरशाद खान ने गांधी जी के ”सामाजिक और शैक्षिक विचार तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान” के विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि व्यक्ति की हत्या तो हो सकती है किंतु विचारों की नहीं. गांधी जी की बुनियादी शिक्षा को मुख्य बिंदु के रूप में लेकर उन्होंने चर्चा की कि बच्चों को केवल साक्षर बनाना ही शिक्षा का उद्देश्य नहीं है. बल्कि वे शिक्षा द्वारा स्वावलंबी बनें. इस अवसर पर महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रीतिबाला सिन्हा ने वक्ता गणों का धन्यवाद किया और सबकी सराहना की कि अवकाश के दिन इस तरह का आयोजन कर इसे सफल बनाना काफी अच्छी बात है. बीएड विभाग के विभागाध्यक्ष मोहम्मद मोबारक करीम हाशमी ने धन्यवाद ज्ञापन किया. डिजिटल मंच संचालन आरिशी साक्षी ने किया. इस अवसर पर हिंदी विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. सुचिता बाड़ा, डॉ. राजीव लोचन नामता, प्रो. सितेंद्र रंजन सिंह और छात्राएं उपस्थित रहीं.