Chakradharpur (Shambhu Kumar) : आदि संस्कृति एवं विज्ञान संस्थान जोड़ापोखर झिंकपानी के तत्वावधान में हो भाषा (वारंड क्षिति लिपि) को संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग को लेकर 300 किलोमीटर की पदयात्रा शुरू की गई है. शुक्रवार को पदयात्रा चक्रधरपुर शहर के मानकी मुंडा सभागार पहुंची. जहां पूर्व विधायक शशिभूषण सामड़, बसंती गागराई, सन्नी उरांव आदि ने पदयात्रा में शामिल सभी को माला पहनाकर स्वागत किया. इसके बाद उनके बीच अनाज, पानी व वस्त्र का वितरण किया गया. इस मौके पर पूर्व विधायक शशिभूषण सामड़ ने कहा कि हमारी भाषा व संस्कृति ही हमारी पहचान है. हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करना होगा. हो भाषा को बोलने वाले लोगों की संख्या 25 लाख से अधिक है. झारखंड राज्य में हो भाषा को राज्य के द्वितीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त है. साथ ही ओडिशा सरकार और झारखंड सरकार ने पहले ही हो भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर केंद्र सरकार को अनुशंसा कर चुकी है.
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मानकी मुंडा सभागार से शुरू हुई पदयात्रा
चक्रधरपुर शहर में पदयात्रा की शुरुआत मानकी मुंडा सभागार से शुरू होते हुए कुदलीबाड़ी, सोनुवा रोड, पुरानीबस्ती, दंदादासाई, वार्ड नंबर 10, असलम चौक, रेलवे फाटक, रेलवे क्षेत्र होते हुए आदिवासी मित्र मंडल, मेन रोड, इतवारी बाजार, कुसुमकुंज मोड़, रेलवे ओवर ब्रिज, पवन चौक, शहीद भगत सिंह चौक, चेकनाका होते हुए बिरसा मंडप पहुंची. उसके बाद यहां लोगों ने भोजन किया. भोजन करने के पश्चात पुनः पदयात्रा कराईकेला के लिए रवाना हो गया. इस मौके पर दामोदर सिंह हांसदा, सिद्धेश्वर सामड़, नितिमा बोदरा, मुचिया सामड़, महेंद्र जामुदा, सुकन हांसदा, अनंत हेमराम, सुखराम बुड़ीउली, महेंद्र बुड़ीउली, नीतिमा जोंको, गलाई पूर्ति समेत काफी संख्या में लोग शामिल थे.