Chakradharpur (Shambhu Kumar): जवाहर लाल नेहरु कॉलेज में कुड़ुख भाषा की पढ़ाई नहीं होने से नाराज विद्यार्थियों व उरांव सरना समिति के सदस्यों ने मंगलवार को कॉलेज पहुंचकर नाराजगी जतायी. यहां विद्यार्थियों व समिति के सदस्यों ने बताया कि वर्ष 2016 से कॉलेज में स्नातक कुड़ुख भाषा की पढ़ाई बंद है. पहले यह हवाला देकर कुड़ुख भाषा की पढ़ाई बंद कर दी गई कि इस भाषा के शिक्षक व विद्यार्थी नहीं है. इसलिए इसकी पढ़ाई बंद की जाती है, लेकिन जब नामांकन के लिए विद्यार्थी व पढ़ाने के लिए शिक्षक है तो इसके बावजूद स्नातक में कुड़ुख भाषा की पढ़ाई शुरु नहीं की जा रही है.
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मांगों को नजरअंदाज किए जाने से थे नाराज
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स्नातक की कुड़ुख भाषा में नामांकन के लिए वर्तमान में 50 से अधिक विद्यार्थी है, लेकिन इसके बावजूद विद्यार्थियों का नामांकन नहीं लिया जा रहा है. विद्यार्थियों ने बताया कि यूनिवर्सिटी के नामांकन पोर्टल पर अन्य भाषा में नामांकन के लिए पोर्टल खुलता है, लेकिन कुड़ुख भाषा के लिए पोर्टल नहीं खुलता है. इसे लेकर कई बार यूनिवर्सिटी में वीसी को भी अवगत कराया गया है. वीसी से आश्वासन मिलता रहा है कि जल्द से जल्द पढ़ाई शुरु करायी जाएगी, लेकिन इसकी अनदेखी की जाती रही है. वीसी द्वारा कहा गया था कि आप सभी विद्यार्थी इस बारे में जेएलएन कॉलेज के प्राचार्य को जानकारी दें, इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरु हो पाएगी. लेकिन कॉलेज के प्राचार्य को भी इस बारे में कई बार अवगत कराया गया है, इस ओर ध्यान नहीं देने के कारण आज विद्यार्थियों रोष जताने को मजबूर हुये हैं.
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आवेदन यूनिवर्सिटी को भेजा गया : प्राचार्य
इस दौरान विद्यार्थियों ने कॉलेज के प्राचार्य डा. श्रीनिवास कुमार को स्नातक की कुड़़ख भाषा में नामांकन शुरु करने को लेकर आवेदन पत्र भी सौंपा. वहीं इस बारे में प्राचार्य श्रीनिवास कुमार ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा मुझे आज आवेदन दिया गया है. विद्यार्थियों के आवेदन को यूनिवर्सिटी भेज दिया गया है. नामांकन का निर्णय यूनिवर्सिटी द्वारा ही लिया जाएगा. इस मौके पर उरांव सरना समिति के अध्यक्ष रंजीत तिर्की, सचिव रामदास उरांव, उपाध्यक्ष बबलू लकड़ा, पूर्व सचिव बुधराम लकड़ा, सदस्य किरण लकड़ा के अलावे छात्र-छात्राएं मौजूद थे.