Chakradharpur : प्रखंड संसाधन केंद्र में बुधवार को चार दिवसीय नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम का उद्धाटन प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विजय कुमार, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी अजय कुमार, राजेश खलखो, सुगमकर्ता अभिमन्यु महतो, नंदलाल सिंह, पंकज साव व ज्ञानचंद तांती ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया. इस कार्यशाला को एफएलएन नाम दिया गया है. कार्यशाला में 40 प्रतिभागी शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए, जिन्हें प्रथम दिन दो पालियों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल अवधारणों की जानकारी दी गई.
इसे भी पढ़ें : निरसा : अवैध उत्खनन में चाल गिरने से दो की मौत
छात्र हित में है नई शिक्षा नीति : बीईईओ
उद्धाटन समारोह में बीईईओ कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्र हित में है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत में 29 जुलाई 2020 से लागू किया गया है. पूरे भारत में करीब 5 करोड़ ऐसे बच्चे हैं, जो अपनी क्षमता के अनुरूप ज्ञान अर्जित नहीं कर पा रहे है. इसरो के अध्यक्ष के.कस्तूरी रंजन ने नई शिक्षा नीति का प्रस्ताव दिया, जिसके आलोक राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनी. 2026-27 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को पूरा किया जाना है.
इसे भी पढ़ें : धनबाद : दुल्हन इस वर्ष लहंगा चुन्नी पहनकर निभाएंगी जयमाला की रस्म
5+3+3+4 की होगी राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षण पद्धति 5+3+3+4 के आधार पर विभाजित की गई है. वर्तमान शिक्षा पद्धति 10+2 की है. 2022 से यह पद्धति खत्म हो जाएगी और उसके स्थान पर 5+3+3+4 पद्धति लागू की जाएगी. इसके अंतर्गत तीन वर्ष की आयु में बच्चे का नामांकन होगा और प्री स्कूलिंग तीन सालों की होगी. छ: साल की उम्र में बच्चा कक्षा एक और सात साल में कक्षा दो में होगा, जिसे फंडामेंटल कहा जाएगा. इसमें बच्चों को उनकी मातृभाषा, क्षेत्रीय और स्थानीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी. दूसरे चरण में तीन वर्ष वर्ग कक्षा तीन, चार व पांच का होगा, जिसे प्रिपरेटरी कहा जाएगा. तीसरे चरण में तीन साल कक्षा छ:, सात व आठ का होगा, जिसे मीडिल और अंतिम चरण का चार साल कक्षा 9 से 12 का होगा, जिसे सेकंड्री कहा गया है.
इसे भी पढ़ें : झारखंड विधानसभा : वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने पेश किया 1 लाख 1 हज़ार 101 करोड़ का बजट
उच्च शिक्षा में खत्म होगी फैकल्टी की बाध्यता
सेकंड्री के बाद उच्च शिक्षा शुरू होगी. इसमें फैकल्टी और संकाय यानी कला, वाणिज्य अथवा विज्ञान नहीं होगा. विद्यार्थी कोई भी विषय ले कर पढ़ सकेंगे. स्नातक तीन व चार साल का अलग-अलग होगा. पहला साल सर्टिफिकेट कोर्स, दूसरा साल डिप्लोमा कोर्स, तीसरा साल डिग्री कोर्स और चौथा साल रिसर्च का होगा. मास्टर डिग्री एक व दो साल की होगी. स्नातक चार साल करने वाले एक साथ और स्नातक तीन साल का करने वाले दो साल का मास्टर डिग्री की पढ़ाई करेंगे. 12वीं के बाद ही बीएड पढ़ सकेंगे और नौकरी में रहते हुए भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे.
इसे भी पढ़ें : धनबाद : अभय सुंदरी स्कूल में भूत-भूत का हुआ शोर, भागे परीक्षार्थी