Chakulia : पश्चिम बंगाल और ओड़िसा की सीमा से सटे चाकुलिया वन क्षेत्र में जंगली हाथियों का उपद्रव पिछले तीन साल से जारी है. इस वन क्षेत्र में चाकुलिया, बहरागोड़ा, धालभूमगढ़ और घाटशिला का कुछ अंश आता है. पिछले तीन साल के दौरान जंगली हाथियों के हमले में 14 लोगों की मौत हुई है और सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. हाथियों ने फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है. हाथियों के उपद्रव को कम करने के लिए स्थाई समाधान के मसले पर पश्चिम बंगाल ओड़िसा और झारखंड के वन विभाग के पदाधिकारियों की एक बैठक होने पर विचार हो रहा है. चाकुलिया के वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय सिंह ने बताया कि इस मसले पर पदाधिकारियों से बातचीत चल रही है और बैठक कर स्थाई समाधान निकालने पर चर्चा होगी. यह बैठक जमशेदपुर में आयोजित होगी.
30-40 हाथी कई दलों में बंटकर कर रहे हैं उत्पात
जानकारी हो कि वर्ष 2018 से इस वन क्षेत्र में हाथियों का उत्पात काफी बढ़ा है. 30 – 40 हाथी कई दलों में बंट कर भारी उत्पात मचा रहे हैं. क्षेत्र के ग्रामीण और किसान हाथियों के उपद्रव से परेशान हैं. ग्रामीणों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो हो गया है. कब किसकी जान चली जाएगी, कहना मुश्किल है. ग्रामीणों के मुताबिक जंगली हाथी दिन भर जंगलों में रहते हैं और शाम होते ही गांवों में घुसकर उपद्रव मचाने लगते हैं. घरों को तोड़ते हैं और फसलों को बर्बाद करते हैं. वन विभाग इन हाथियों को खदेड़ने का प्रयास तो करता है परंतु हाथी क्षेत्र से टस से मस नहीं होते हैं. यहां के लोग हाथियों को खदेड़ कर पश्चिम बंगाल की सीमा में प्रवेश कर आते हैं तो पश्चिम बंगाल के ग्रामीण हाथियों को चाकुलिया सीमा में खदेड़ देते हैं. स्थिति तो ऐसी है कि अब जंगली हाथी गांव-गांव में घूमने लगे हैं. हर रोज किसी न किसी गांव में उपद्रव मचा कर घरों को तोड़ रहे हैं.