Chandil (Dilip Kumar) : विस्थापित मुक्ति वाहिनी और बेरोजगार युवा विस्थापित संगठन ने संयुक्त रुप से पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से चांडिल बांध के विस्थापितों के रोजगार के लिए समग्र योजना बनाने की मांग की है. पत्र में संगठन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को कुछ सुझाव भी दिए हैं. पत्र में कहा गया है कि जिन विस्थापितों को नौकरी मिली थी, वे अब सेवानिवृत हो रहे हैं. उनके स्थान पर कोई नई बहाली नहीं हो रही है. परियोजना में सेवानिवृत्ति से होनेवाली रिक्तियों को अविलंब भरा जाना चाहिए.
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विस्थापित युवाओं के पास आज न तो जमीन है न नौकरी और न ही कोई अन्य रोजगार के साधन. नई बहाली होने से बेरोजगार शिक्षित विस्थापित युवाओं को रोजगार मिलेगा. इस के अलावा पत्र में जमशेदपुर के मानगो में प्रस्तावित अंतरराज्यीय बस अड्डा के निकट परियोजना की जमीन पर दुकान बनाकर उसे स्थानीय व विस्थापितों को ही आवंटित करने की मांग की गई है. साथ ही वाणिज्यिक महत्व वाले परियोजना की खाली पड़ी जमीन पर मार्केट कांप्लेक्स बनाकर विस्थापितों को आवंटित करने की भी मांग की गई है.
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कृषि पर जोर देने की मांग
विस्थापित संगठनों ने खेती-किसानी पर भी जोर देने की मांग की है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में संगठनों ने कहा है कि चांडिल डैम में पर्यटन एवं मछली पालन के क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. इसका समुचित उपयोग करते हुए बेरोजगार विस्थापितों को इससे जोड़ा जाना चाहिए. इसके साथ ही बांध के किनारे लिफ्ट इरीगेशन और डीप बोरिंग लगाकर फ्रिज एरिया और आंशिक डूब क्षेत्र के जमीन को बहुफसली बनाया जा सकता है. सरकार व परियोजना प्रशासन काे इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इसी के साथ फलदार पेड़ों का बड़े पैमाने पर बागवानी कर रोजगार के अवसर बढ़ाया जा सकता है.
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राजस्व अभिलेख में दर्ज करे नाम
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में विस्थापित संगठनों ने पुनर्वास स्थलों पर विस्थापितों को आवंटित आवासीय भूखंड का उल्लेख राजस्व अभिलेख में दर्ज करने की मांग की है. इसके साथ ही जलकर की वसूली पर जोर देते हुए कहा गया है कि वसूली गई राशि का आधा हिस्सा विस्थापितों के कल्याण पर खर्च किया जाए. ज्ञात हो कि विभिन्न कंपनियों पर जलकर का लगभग 1000 करोड़ रुपये बकाया है. पत्र में विस्थापित नेता श्यामल मार्डी, किरण बीर, नारायण गोप, मंगल माजी, विनय मुर्मू और जगदीश सिंह सरदार का हस्ताक्षर है.