Chandil (Dilip Kumar) : देवस्नान पूर्णिमा पर स्नान यात्रा के बाद अब महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा बीमार हो गए हैं. उन्हें निरोग करने के लिए 14 दिन के एकांतवास में रखा गया है. सोमवार से उनका जड़ी-बूटी से इलाज शुरू हो गया. इस दौरान भगवान को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए जड़ी-बूटियों का काढ़ा पिलाया जा रहा है. अब महाप्रभु का अणवसर गृह में 14 दिन तक इलाज होगा, प्रभु की गुप्त सेवा की जाएगी. बीमार महाप्रभु का इलाज देसी नुस्खों से विभिन्न प्रकार के जड़ी-बूटियों का काढ़ा और मौसमी फलों के जूस से किया जाता है. मान्यता है कि इस दौरान महाप्रभु जगन्नाथ सारे जगत के कष्ट अपने ऊपर ले लेते हैं. चांडिल स्थित श्री साधु बांध मठिया दशनामी नागा संन्यासी आश्रम में रथ यात्रा को लेकर सभी परंपराओं का निर्वाहन किया जा रहा है.
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पीतल के बर्तन में सुबह-शाम दे रहे काढ़ा
बीमार पड़े महाप्रभु के इलाज के क्रम में उन्हें सुबह शाम काढ़ा बनाकर दिया जा रहा है. यह काढ़ा दालचीनी, सौंठ, काली मिर्च, तुलसी, अजवाइन, पीपली, दशमूला, मधु और घी मिलाकर बनाया जा रहा है. दिन में दो बार गरम काढ़ा के साथ ही उन्हें दो बार मौसमी फलों का रस भी दिया जा रहा है. शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा और कमजोरी से बचने के लिए मौसमी फलों का रस उन्हें 14 दिनों तक समयानुसार दिया जाएगा. वहीं महाप्रभु के शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए उन्हें दशमूल हर्ब भी दिया जा रहा है. दशमूला हर्ब में एंटी प्रेट्रिक गुण होते हैं जो कि तेज बुखार को ठीक करने के लिए लाभकारी होते हैं. यह शरीर के तापमान को सही रखता है. दशमूल हर्ब को बनाने के लिए 10 जड़ी-बूंटियों का इस्तेमाल किया जाता है. इनमें अग्निमंथ, गंभारी, बिल्व, पृश्निपर्णी, बृहती, कंटकारी, गोखरू, पटाला हर्ब, शालपर्णी और श्योनाक शामिल है.
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गाजे-बाजे के साथ निकलेगा रथ यात्रा
चांडिल में रथ यात्रा की तैयारी हर्षोल्लास के साथ की जा रही है. रथ यात्रा के आयोजन के संबंध में मठ के श्रीमहंत सह जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानंद सरस्वती ने बताया कि चांडिल में 20 जून को गाजे-बाजे के साथ रथ यात्रा निकाली जाएगी. इसके पूर्व 18 जून को नेत्र उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन महाप्रभु पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे. उन्होंने बताया कि रथ यात्रा मठिया मठ से प्रारंभ होकर एनएच 32 होते हुए चांडिल स्टेशन स्थित मौसीबाड़ी पहुंचेगा. तीन अलग-अलग रथों पर सवार महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा मौसीबाड़ी जाएंगे. इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं.
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