Jamshedpur (Sunil Pandey) : शहर की जीवनरेखा कही जाने वाली खरकई व स्वर्णरेखा की बदहाली सर्वविदित है. इन दोनों नदियों के कारण दशकों पहले उद्योग स्थापित हुए, शहर बसा, लेकिन आज कल-कारखानों एवं शहर की बसावट के कारण नदियों का अस्तित्व खतरे में आ गया है. उक्त बातें जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने कही. वे सोमवार को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दोनों नदियों की बदहाली दूर करने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे. लगभग तीन घंटे तक चले धरना में काफी संख्या में लोग शामिल हुए. मौके पर विधायक ने कहा कि नदियों का अस्तित्व बचाने की दिशा में ठोस पहल नहीं हो रही है. नदियां मां हैं. लेकिन उन्हें आज मैला ढोने वाली मालगाड़ी बना दिया गया है. इस पर रोक लगनी चाहिए. नहीं तो आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह होगी. जिसकी जवाबदेही सरकार, प्रशासन व उद्योगिक घरानों की होगी. उन्होंने तीनों से मांग की कि इस दिशा में ठोस पहल हो. घरों से निकलने वाले गंदे जल-मल पर रोक लगे. अगर जल-मल बहाया भी जाय तो उसकी सफाई हो. उसके बाद पानी नदी में जाय.
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नाला आधारित विकास जरूरी
विधायक सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर शहर का तेजी से विकास हो रहा है. चारो ओर भवन का निर्माण हो रहा है. कई लोग नदी से सटकर भवन बना रहे हैं. जिससे उसका अतिक्रमण हो रहा है. वहीं घर का जल-मल सीधे नदी में आ रहा है. उन्होंने नाला आधारित विकास पर जोर देते हुए कहा कि पहले घरों का पानी नाला में जाए, नाले का पानी नदी में जाने से पहले साफ हो. उसके बाद नदी में पानी छोड़ा जाय. जिससे जलकुंभी पैदा नहीं हो. उन्होंने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस पर धरना दे रहे लोग नदी को बचाने के लिए साथ आए हैं. कहा कि नदियों को साफ सुथरा रखने के लिए शहर के लोगो को जोड़ने और उन लोगों को समझने का काम किया जाएगा. ताकि अधिक से अधिक लोग इन नदियों को साफ रखने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित हो सके. विधायक ने लोगों से यह भी अपील की है कि शहर वासी गंदगी को नदियों में नही फेंके, उन्होंने सरकार से भी इन नदियों को साफ करने को लेकर बात करने की बात कही, उन्होंने यह भी कहा कि आज शहर वासी और निजी कंपनियो ने खुद भस्मासुर बन कर इन नदियों को भस्म करने को उतारू है.धरना में वरिष्ठ नागरिक संघ के शिवपूजन सिंह समेत काफी संख्या में बुद्धिजीवी, कारोबारी, व्यावसायी, आम लोग मौजूद थे.
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