Chandil (Dilip Kumar) : बारिश के दौरान अगर चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ता है और डुब क्षेत्र के किसी भी गांव में पानी घुसता है तो विस्थापितों को सरकारी भवनों में शरण दिया जाएगा. इसके लिए प्रभावित क्षेत्र के गांवों के निकट स्थित सरकारी भवनों को चिन्हित कर खाली कराने का निर्देश दिया गया है. ईचागढ के अंचल अधिकारी भोलाशंकर महतो ने पंचायत प्रतिनिधि व हल्का कर्मचारियों से प्रभावित होने वाले गांवों की सूची मांगी है. उल्लेखनीय है कि चांडिल डैम में 181 मीटर से अधिक जलभंडारण होते ही डुब क्षेत्र के दर्जनों गांवों में डैम का पानी घुस जाता है. हर वर्ष विस्थापितों के मकान जल जमाव के कारण ढह जाते है.
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ईचागढ़ में हुई आपदा प्रबंधन समिति की बैठक
सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ प्रखंड के अंचल कार्यालय सभागार में गुरुवार को मानसून के दौरान संभावित प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए अंचलाधिकारी भोलाशंकर महतो ने कहा कि पूरे अंचल क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए लोगों को सचेत किया गया है. कहीं भी किसी प्रकार की आपदा आती है तो अंचल प्रशासन पीड़ित का हर संभव सहयोग करेगी. इसके लिए सभी कर्मियों को अलर्ट किया गया है. उन्होंने कहा कि ईचागढ़ में सबसे अधिक आपदा चांडिल डैम का जलस्तर बढ़ने से आती है. इसलिए पंचायत प्रतिनिधि व अंचल कर्मी आपस में समन्वय बनाकर सभी प्रकार की आपदाओं से लोगों को बाहर निकालेंगे. बैठक में जिला परिषद सदस्य ज्योतिलाल माझी समेत डुब क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि व अंचल कर्मी उपस्थित थे.
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183 मीटर जल भंडारण का है फरमान
इस बारिश चांडिल डैम में 183 मीटर तक जल भंडारण करने का विभागीय फरमान जारी किया गया है. हालांकि फरमान जारी होने के बाद ईचागढ़ की विधायक सविता महतो मुख्यमंत्री व विभागीय सचिव से मिलकर 181 मीटर से अधिक जल भंडारण नहीं करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि विस्थापितों को सभी प्रकार के मुआवजे का भुगतान होना चाहिए.