Chandil (Dilip Kumar) : पुस सांकराइत के अवसर पर कुकडू प्रखंड के जानुम में आदिबासि कुड़मि समाज जिला समिति के सदस्य पंचानन महतो केटिआर के नेतृत्व में टुसु भासान कर सोमवार को टुसु परब का समापन किया गया. इस अवसर पर महिला-पुरुष व बच्चे-बच्चियां चौड़ल लेकर पारंपरिक गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते छातापुकुर तट पर पहुंचे. इसके बाद डिनि टुसूमाञ को बिदाई देते हुए जल में भासान कर दिया. विधिवत रूप से अगहन सांकराइत को टुसू थापना के साथ शुरू किए गए डिनि टुसूमाञ को पुस सांकराइत को अगले बरस फिर घर आने की कामना करते हुए बिदाई दिया गया.
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अंतिम परब है टुसू
इस अवसर पर पंचानन महतो ने कहा कि धान रूपी अन्न महाशक्ति से जुड़ा टुसू परब पुस माह भर मनाया जाता है. यह परब कुड़मालि संस्कृति के अंतिम परब के रूप में मूल रूप से फसल कटनी के उपरांत खुशी मनाने के लिए पूरे हर्षोल्लास के साथ मिलजुल कर मनाया जाता है. नये कपड़े, विशेष खानपान, गुड़ पीठा, मसाला पीठा, ढुमु-उंधि पीठा, मास पीठा, मास-भात और टुसू गीत व नाच इस परब का मुख्य आकर्षण हैं. टुसू भासान के मौके पर समाज के कुकड़ू प्रखंड अध्यक्ष डॉ. बिभीषण महतो बंसरिआर, सह सचिव धनंजय हाॅस्तुआर, कोषाध्यक्ष शशीभूषण सांखुआर, गुरुपद महतो, बिनोद महतो, खुदीराम महतो, मंगल चंद्र महतो, निरानंद महतो, सभा कालिंदी समेत बड़ी संख्या मेें युवक-युवती व महिला-पुरुष उपस्थित थे.
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