Ranchi : रातू अंचल के तत्कालीन सीओ राजेश कुमार मिश्रा के कारनामे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं. जो तथ्य मिले हैं, वे अंचल कार्यालयों में जमीन दलालों की मजबूत पैठ को भी प्रमाणित करते हैं. रातू के बेलांगी मौजा की 6.79 एकड़ जमीन बेचनेवाले ने अपने बाप का नाम बदल कर कर दी. वहीं जिसके नाम पर जमाबंदी कायम थी, उनके वंशजों ने 2019 में यह जमीन बेची. म्यूटेशन के लिय आवेदन किया गया, तो म्यूटेशन रिजेक्ट कर दिया गया. इसके बाद जमीन दलालों से मिलकर अंचल अधिकारी रातू एवं लहना पंचायत के मुखिया ने गलत वंशावली सत्यापन कर उसी जमीन का दूसरे व्यक्ति के नाम जुलाई 2020 में निबंधन करा दिया. इस पर अंचल कार्यलाय में सक्ष्य के साथ आपत्ति दर्ज करायी गयी. इसके बावजूद रातू के तत्कालीन अंचल अधिकारी राजेश कुमार मिश्रा ने म्यूटेशन का आदेश निर्गत कर दिया.
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दलालों का दबदबा ऐसा कि डीसी से शिकायत पर भी नहीं हुई कार्रवाई
रांची जिला के रातू अंचल स्थित बेंलांगी मौजा के थाना नंबर 84, खाता नंबर 12 की भूमि का कुल रकबा 6.79 एकड़ है. इसके विभिन्न प्लॉटों पर अवैध तरीके से दाखिल-खारिज किये जाने को लेकर पारसनाथ पांडे ने डीसी रांची के यहां आपत्ति दर्ज करने के लिए आवेदन दिया. आवेदन में कहा गया है कि जमीन दलालों से मिलकर अंचल अधिकारी, रातू एवं लहंगा पंचायत के मुखिया ने गलत वंशावली सत्यापन कर भूमि का निबंधन करवाया है. म्यूटेशन के पहले इस मामले में आपत्ति भी दर्ज करायी गयी, इसके बाद भी फर्जी तरीके से बेची गयी भूमि का दाखिल-खारिज कर दिया गया. डीसी रांची को लिखे आवेदन में पारसनाथ पांडे की ओर से सक्ष्य भी दिये गये थे. मांग की गयी थी कि मामले की जांच करते हुए उचित न्याय किया जाये. सूचना के अनुसार इसके बाद भी डीसी, रांची ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
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बाप का नाम बदल कर बेच दी दूसरे की जमीन
फर्जी विक्रेता ने बेंलांगी मौजा के खाता नंबर 12 के विभिन्न प्लॉटों को खरीदने वाले खरीदार का जमीन का निबंधन 3 जुलाई 2020 को किया. जिस व्यक्ति ने भूमि की बिक्री की उसका सरनेम सिंह है. उसके द्वारा जमीन खरीद-बिक्री में दो अलग-अलग वंशावली के प्रयोग का मामला भी सामने आया है. इनकी मूल वंशवाली में इन्हें राजबलम सिंह के पुत्र को मंगल सिंह बताया जाता है. मंगल सिंह के दो पुत्र के रूप में उदित सिंह और भानू सिंह को दर्शाया जाता है. भानू सिंह के तीन पुत्र के रूप में शंकर सिंह, मोहतम सिंह और विपुल सिंह है.
वहीं फर्जी तरीके से बेची गयी जमीन में वंशावली में कमल राम पांडेय पुत्र के रूप में मंगल सिंह और सवाल सिंह, नावल्द दिखाया जाता है. मंगल सिंह के दो पुत्र उदित सिंह और भानू सिंह दर्ज कराया जाता है. इसके बाद भानू सिंह के तीन पुत्र शंकर सिंह, महातम सिंह और विपुल सिंह दर्ज कराये जाते हैं. इस मामले में एक ही व्यक्ति की दो अलग-अलग वंशावली बनायी जाती है, जिसमें एक के पूर्वज के रूप में राजबलम सिंह तो दूसरे में कमल राम पांडेय को बताया जाता है. इन तथ्यों के मौजूद रहने के बाद भी रातू अंचल के बेलांगी मौजा का खाता संख्या 84 का 6.79 एकड़ से जुड़े मामले में तत्कालीन सीओ राजेश कुमार मिश्रा ने कमल राम पांडे के नाम दर्ज जमाबंदी वाली जमीन को फर्जी तरीके से बेचनेवाले की बिक्री डीड को सही मानते हुए म्यूटेशन कर लगान रसीद निर्गत कर दिया.
ऐसे भ्रष्ट अंचल अधिकारी को फांसी की सजा होनी चाहिए,
वो भी बीच चौराहे पर।