Brussels : यूरोपीय संसद द्वारा 2022 में होने वाले बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार का ऐलान किये जाने की सूचना है. बता दें कि यूरोपीय संसद के सांसदों ने इस बात पर सहमति जतायी है कि हमें चीन के मानवाधिकारों के हनन के कारण बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले निमंत्रण को स्वीकार नहीं करना चाहिए.
#BREAKING: EU Parliament passes joint resolution on Hong Kong, calling for:
👉Sanctions on HK officials
👉Termination of extradition treaties with China
👉 Diplomatic boycott of #Beijing2022 Olympics#IPAC 🇪🇺 co-chair @MiriamMLex: "the free world cannot stand by"@hk_watch pic.twitter.com/j5kCqIGrEQ— Inter-Parliamentary Alliance on China (@ipacglobal) July 8, 2021
इन सांसदों ने अपनी सरकारों से मांग की है कि उन्हें उइगुर मुसलमानों को लेकर चीन के व्यवहार पर और अधिक प्रतिबंध लगाना चाहिए. कहा कि यूरोपीय देशों को हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थकों का समर्थन करना चाहिए.
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चीन के खिलाफ कई प्रस्ताव पारित
यूरोपीय संसद ने चीन के खिलाफ कई प्रस्ताव पारित किये है. जिन प्रस्तावों को पारित किया है, उनमें हॉन्गकॉन्ग के सरकारी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है. चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि को तत्काल प्रभाव से खत्म करने और बीजिंग ओलंपिक के डिप्लोमेटिक बॉयकॉट का आह्वान भी किया गया है.
यूरोपीय संसद के चीनी प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष जर्मनी के रेइनहार्ड बुटिकोफर ने इस प्रस्ताव को पेश करते हुए कहा कि यूरोपीय संसद में इन मुद्दों पर आम सहमति बहुत मजबूत है. हम यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ेंगे कि यूरोप में सदस्य राज्य सरकारें भी एक अडिग रुख अपनायें
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यूरोपीय देश प्रस्ताव मानने के लिए बाध्य नहीं
हालांकि, यूरोपीय संसद के इस प्रस्ताव को मानने के लिए सदस्य देश बाध्य नहीं है. खुद इस प्रस्ताव को पेश करने वाली रेइनहार्ड बुटिकोफर ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कई यूरोपीय संघ के सदस्य देश और यूरोपीय आयोग भी हॉन्ग कॉन्ग में चीन के दमनकारी उपायों के खिलाफ बोलने के लिए अनिच्छुक हैं. यूरोपीय संघ में चीन की बढ़ती आलोचना के बाद भी यूरोप की कई सरकारें सीधे टकराव से हिचकिचाती रही हैं.
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चीन ने कहा, ओलंपिक के हितों को नुकसान पहुंचेगा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इस प्रस्ताव पर कहा कि चीन खेल के राजनीतिकरण और मानवाधिकारों के मुद्दों को बहाने के रूप में इस्तेमाल करके हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का कड़ा विरोध करता है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रेरणा से बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेलों की तैयारी और आयोजन को बाधित करने और तोड़फोड़ करने का प्रयास बेहद गैर-जिम्मेदाराना है. चीन ने कहा कि इससे सिर्फ सभी देशों के एथलीटों और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक के हितों को नुकसान पहुंचेगा.
यूरोपीय संसद का यह प्रस्ताव चीन को परेशानी में डालनेवाला है
यूरोपीय संसद का यह प्रस्ताव चीन को परेशानी में डालनेवाला है. जान लें कि पिछले कुछ साल से चीन यूरोपीय देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कवायद में जुटा हुआ है. चीन की योजना यूरोप में अमेरिका की खाली की हुई जगह को भरना है. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका का यूरोपीय देशों के साथ कई मुद्दों पर विवाद हुआ था.
चीन को इसमें अवसर दिखाई दिया और वह बिना देर किए यूरोपीय देशों के बीच पैठ जमाने में जुट गया. चीन ने यूरोप में अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए चीन सीईईसी कॉर्पोरेशन की शुरुआत भी की है. जिसकी मदद से वह यूरोप के कई देशों को भारी भरकम कर्ज भी दे रहा है.