Patna: लोक जनशक्ति पार्टी में अलगाव के बाद चिराग पासवान और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एक खास मसले पर लगभग एकजुट दिख रहे हैं. जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर दोनों नेता बीजेपी के विचारों के करीब दिख रहे हैं. साथ ही जाति आधारित जनगणना को लेकर बिहार में अलग-थलग हो रही बीजेपी को बड़ी राहत मिली है. दोनों नेताओं के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बदले रुख से भी बीजेपी को राहत मिलेगी. मांझी ने संसद में ओबीसी बिल पास कराने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए जाति आधारित जनगणना पर नई बात कही है.
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‘जाति,धर्म की बजाय युवाओं को मिले तरजीह’
चिराग पासवान ने युवा दिवस के मौके पर कहा कि हमें जाति और धर्म से ऊपर उठकर युवा जमात को आगे बढ़ाने की चिंता करनी चाहिए. जब तक युवा आयोग का गठन नहीं होता, तब तक युवा देश की नींव रखने कल्पना करना भी संभव नहीं है. जब देश में महिलाओं के लिए महिला आयोग, बच्चों के लिए बाल आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, जनुसूचित जाति और जनजाति आयोग का गठन हो सकता है, तो युवा आयोग के गठन में क्या समस्या है ? युवा देश की ताकत हैं और एक बड़ी जिम्मेदारी भी.
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पशुपति पारस ने क्या कहा ? ये भी जान लीजिए
केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि हिंदुस्तान बहुत बड़ा देश है. हमारी आबादी एक करोड़ 30 लाख के करीब है. यहां सभी जाति-धर्म के लोग रहते हैं. ऊंची जाति, पिछड़ी जाति, दलित और अकलियत के भी लोग यहां रहते हैं. देश को जाति के आधार पर बांटना सही परंपरा नहीं होगी.
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