Ranchi: लातेहार के बालूमाथ में कोयला तस्करी में पुलिस अफसरों की मिली भगत का बड़ा मामला सामने आया है. सीआईडी ने बालूमाथ कांड संख्या 126/2020 को टेकओवर किया था. अब इस मामले की सीआईडी ने जांच तेजी से शुरू कर दी है. सीआईडी ने इस मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर जयप्रकाश राणा को आईओ बनाया है.सीआईडी की टीम जांच तेजी से हो इसके लिए लातेहार में कैंप कर रही है. गौरतलब है कि इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी एमवी राव ने सीआईडी को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया था. जांच का आदेश मिलने के बाद सीआईडी मामले को बीते 13 जुलाई को टेकओवर किया था.
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जांच में हुई पुलिस की संलिप्तता की पुष्टि
जानकारी के अनुसार, एसआईटी की जांच में कोयला माफिया से पुलिस के संबंधों की पुष्टि हो चुकी है. एसआईटी को जांच में इस बात की जानकारी मिली थी कि तत्कालीन बालूमाथ एसडीपीओ रणवीर सिंह, बालूमाथ थाना प्रभारी राजेश मंडल, पूर्व थाना प्रभारी सुभाष पासवान और एसडीपीओ के रीडर राहुल कुमार का संरक्षण कोयला कारोबारियों को था.
राजेश मंडल ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि कोयला के अवैध कारोबार में लगे माफिया पहले कोयला लोड ट्रक का नंबर मैसेज एवं व्हाट्सएप से राजेश मंडल और राहुल के जरिया एसडीपीओ के पास भेजते थे. एसडीपीओ से अनुमति मिलने के बाद इन ट्रकों में कोयला लोड कर एसआइएसएफ, सीसीएल के सिक्योरिटी गार्ड और चेक पोस्ट पर तैनात कर्मियों की मिलीभगत से वहां से निकल जाते थे.
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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक, बालूमाथ से लगातार कोयला तस्करी की शिकायतें मिल रही थीं. एसपी ने छापेमारी कर कोयला लदे ट्रकों को जब्त किया था. छापेमारी के बाद जब कोयला बरामद हुआ, तब जांच में यह बात सामने आई कि कोयला तस्कर प्रति ट्रक डीएसपी और इंस्पेक्टर को पैसे देते हैं. लाखों रुपये का भुगतान कोयला तस्करों के द्वारा किया जा चुका है. मामला सामने आने के बाद एसपी प्रशांत आनंद ने डीएसपी के क्राइम रीडर को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में डीएसपी के रीडर ने कोयला तस्करों से मिलीभगत की बात स्वीकार की थी. रीडर के मोबाइल फोन में कोयला तस्करों से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी थी. ऐसे में एसपी ने रीडर के मोबाइल फोन को भी जब्त कर लिया. वहीं जांच में डीएसपी और इंस्पेक्टर की भूमिका को लेकर कई तथ्य भी सामने आये. इसके बाद एसपी ने सबूतों के साथ पूरी रिपोर्ट डीजीपी को भेज दी थी.
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लंबे समय से हो रहा था अवैध कोयले का कारोबार
लातेहार में पांच रेलवे साइडिंग (बालूमाथ, टोरी, फुलबसिया, बुकरु और कुसमाही बीराटोली) हैं. जहां से रैक के जरिये कोयला दूसरे राज्यों में भेजा जाता है. जानकारी के मुताबिक, कोयला ट्रांसपोर्टिंग का अधिकांश काम तीन बड़े ट्रांसपोर्टरों के जिम्मे है. चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र स्थित मगध और आम्रपाली कोल परियोजना से इन पांचों रेलवे साइडिंग में कोयला भेजा जाता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इसी दौरान सीसीएल कर्मी और कोयला कारोबारी की मिलीभगत से ट्रक और डंपर में चालान से अधिक कोयला लोड कर दिया जाता है. फिर उसे लातेहार के बालूमाथ थाना क्षेत्र के बरियातू इलाके के आरा, चमातू व अमरवाडीह में उतारकर जमा किया जाता है. यह काम हर दिन होता था. रात के अंधेरे में जमा किये गये कोयले को ट्रकों के जरिये फिर ट्रक पर लोड कर ईंट-भट्ठों, बिहार और यूपी की मंडियों तक पहुंचाने का काम पिछले कई सालों से चल रहा है. स्थानीय कोयला माफिया के द्वारा 40- 50 हजार रुपया प्रति ट्रक कोयला बेचा जाता था. इसके बाद यही कोयला कारोबारी के द्वारा यूपी के वाराणसी और बिहार की मंडी में 5500 से 6000 प्रति टन के रेट से बेचते हैं.
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