Ranchi : सीआइडी यानी अपराधी अनुसंधान विभाग, सीबीआई के तर्ज पर काम कर रही है. सीआईडी ने मामले की अनुसंधान बेहतर तरीके से करने और केस को टेकओवर करने को लेकर नई एसओपी तैयार की है.
सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है, जिसकी जानकारी सभी जिलों के एसपी को भी दी गई है.
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क्या है सीआईडी के एडीजी का आदेश
सीआईडी एडीजी के द्वारा जारी किए आदेश में कहा है कि समय-समय पर विभिन्न जिलों में दर्ज अपराधिक कांडों का निष्पक्ष और बेहतर जांच के लिए सीआईडी के ओर से टेकओवर किया जाता है. मामले की जांच के लिए टेकओवर किए गए कांडों के संपूर्ण दस्तावेज के संबंधित जिलों से मांगे जाते हैं. जिलों के ओर से उपलब्ध करवाए गए अभिलेखों और दस्तावेजों की गहराई से जांच के लिए यह जरूरी है कि सभी का अध्ययन वैज्ञानिक तरीके से हो. एडीजी के आदेश में यह भी लिखा है कि प्राप्त अभिलेखों का स्वच्छता पूर्वक अध्ययन तार्किक विश्लेषण कर ही किसी कांड में निर्णय पर पहुंचा जा सकता है. ऐसे में जिलों से प्राप्त अभिलेख मूल कांड, दैनिकी, छाया प्रति कांड दैनिकी, अनुसंधान में न्यायालय से किए गए पत्राचार की प्रति, बैंक से किए गए पत्राचार की प्रति, टेक्निकल सेल से किए गए पत्राचार क प्रति, भेजे गए नोटिस की प्रति, अन्य सरकारी और गैर सरकारी संस्थान से किए गए पत्राचार आदि अभिलेख कांड के अनुसंधान में काफी महत्वपूर्ण है. सभी दस्तावेजों का गहन अध्ययन कर मामले को सुलझाने में कारगर साबित होगा.
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पूर्व अनुसंधान अधिकारी रहे पुलिस अधिकारी का बयान भी दर्ज किया जाएगा
सीआईडी एडीजी के अनुसार कांडों का प्रभार जिला से सीआईडी के ओर से टेकओवर करते समय प्रभार ग्रहण करने वाले सीआईडी के अधिकारी, पूर्व अनुसंधान अधिकारी रहे पुलिस अधिकारी का बयान भी दर्ज किया जाएगा. सीआईडी के पदाधिकारी भी अगर केस दूसरे पदाधिकारी को सौंपेंगे तब भी नए अनुसंधानकों को केस में बयान दर्ज कराना है.
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