Ranchi: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत कार्य कर करने वाले अकुशल मजदूरों की मजदूरी दर बढ़ाने की मांग केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से की.
सीएम ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि मनरेगा योजना के तहत कार्य करने वाले अकुशल मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी करने की राज्य सरकार की चिर परिचित मांग रही है. इस ओर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूं .
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा राज्य के मनरेगा योजना अंतर्गत कार्यरत अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की दर ₹194 प्रतिदिन तय की गयी है. जो राज्य की न्यूनतम मजदूरी दर से भी कम है .और यह किसी भी राज्य के लिए तय दर में सबसे कम है.
इसे भी पढ़ें : 2024 तक रांची के हर परिवार को नल से जल मुहैया कराने की तैयारी
अकुशल श्रेणी के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर ₹296 80 पैसे
पत्र में आगे कहा गया है कि श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग झारखंड सरकार की अधिसूचना संख्या 1297 दिनांक 13 नवंबर 2020 के अनुसार अकुशल श्रेणी के मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर ₹296 80 पैसे निर्धारित किये गये हैं.
वहीं ग्रामीण विकास भारत सरकार के द्वारा निर्धारित न्यूनतम कृषि मजदूरी दर से भी 101 रुपया 80 पैसा का अंतर राज्य के श्रमिकों को मिलने वाली मनरेगा योजना के तहत है. कहा गया है झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के मजदूरों के लिए मनरेगा योजना में मिलने वाली मजदूरी उनके हितों के विरुद्ध है तथा कार्य के प्रति कम होती अभिरुचि का प्रतीक है.
इसे भी पढ़ें : दिल्ली में संगठन मंत्री वेणुगोपाल से मिले रामेश्वर, संगठन पर चर्चा
श्रमिकों को वाजिब मजदूरी मिले
सीएम ने अपने पत्र में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से अनुरोध किया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत राज्य में कार्यरत अकुशल श्रमिकों को दे मजदूरी दर झारखंड सरकार के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा निर्धारित दर के समतुल्य किया जाये, ताकि मनरेगा योजना के प्रति श्रमिकों के रुझान में वृद्धि हो सके’ साथ ही श्रमिकों को वाजिब मजदूरी भी मिल सके.