Ranchi:विधानसभा चुनाव 2019 के ठीक पहले अपने चुनावी वादों में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने राज्य के बेरोजगारों को आर्थिक मदद देना का वादा किया था. इस कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते दिनों ही मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना लाने का ऐलान किये है. योजना के तहत सरकार वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए सहायता राशि देने जा रही है. योजना का उद्देश्य यह है कि हेमंत सरकार शहरी व ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को, जो तकनीकि रूप (आईटीआई या सरकारी पॉलिटेनिक संस्थान) से प्रशिक्षित हो, को रोजगार के लिए आर्थिक मदद देगी.
योजना के तहत अर्हताधारी लाभुकों को प्रति वर्ष 5000 रुपये राशि की दी जाएगी. वहीं विधवा, परित्यक्ता, आदिम जनजाति, दिव्यांगों के लिए राशि का 50 प्रतिशत यानी 7500 रुपये का सहायता मिलेगा. डीसी स्तर पर बनी कमिटी बेरोजगारों द्वारा उपलब्ध कराएं गये दस्तावेजों की जांच करेगी. बता दें कि बीते 12 मार्च को हेमंत कैबिनेट ने भी इस योजना पर अपनी मुहर लगा दी है.
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डीसी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमिटी करेगी दस्तावेजों की जांच
योजना के तहत सहायता राशि का लाभ सही लाभुकों को मिले,इसके लिए राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण उपबंध किये है. बेरोजगारों द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध करायी जाएगी,उसकी जांच डीसी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय कमिटी जांच करेगी. जांच समिति में सदस्य के तौर पर डीडीसी,जिला कौशल पदाधिकारी,जिला शिक्षा पदाधिकारी होंगे. वहीं सदस्य सचिव के तौर पर जिला नियोजन पदाधिकारी होंगे.
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उम्र ज्यादा वाले लाभुकों को मिलेगा प्राथमिकता,एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्टर्ड होना अनिवार्य
योजना के तहत लाभ लेने वाले लाभुकों की उम्र सीमा 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए. योजना में वैसे लाभुकों को योजना का लाभ पहले मिलेगा, जिसकी उम्र काफी ज्यादा हो गयी है. यानी अधिक उम्र वाले बेरोजगारों को योजना का ज्यादा फायदा मिलेगा. आवेदकों के लिये यह जरूरी है कि वह राज्य के एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज में रजिस्टर्ड हो. साथ ही वह किसी भी सार्वजनिक व निजी रोजगारों में भी नहीं जुड़ा हो.
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